"विश्व धरोहर": अवतरणों में अंतर

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=== सम्मेलन पूर्व ===
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सन 1959 में, [[मिस्र]] किकी सरकार ने आस्वान बांध बनवाने का निश्चय किया। इससे प्राचीन सभ्यता के [[अबु सिंबल]] जैसे अनेक बहुमुल्य रत्नोँ के खजाने से भरी घाटी का बाढ में बह जाना निश्चित था। तब [[युनेस्को]] ने [[मिस्र]] और [[सूडान]] सरकारों से अपील करने के अलावा, इसके रक्षोपाय एक विश्वव्यापी अभियान चलाया। इससे यह तय हुआ कि [[अबु सिंबल]] और [[फिले]] मंदिर को भिन्न पाषाण टुकड़ों में अलग करके, एक ऊँचे स्थान पर ले जाकर पुनः स्थापित किया।
इस परियोजना की लागत लगभग $80 मिलियन थी, जिसमें से $40 मिलियन 50 भिन्न देशों से इकठ्ठा किया गया था। इसे व्यापक तौर पर, पूर्ण सफलता माना गया था और इससे प्रेरित अनेकों और अभियान चले (जैसे [[वेनिस]] और उसके लैगून का संरक्षण [[इटली]] में, [[मोहन-जो-दड़ो]] [[पाकिस्तान]] में और [[इंडोनेशिया]] में [[बोरोबोदर]] मंदिर प्रांगण). तब युनेस्को ने [[अंतर्राष्ट्रीय स्मारक और स्थल परिषद]] के साथ पहल करके, एक सम्मेलन किया, जो मानवता के सार्वजनिक साँस्कृतिक धरोहरों का संरक्षण करेगा।