"समाधि": अवतरणों में अंतर
Content deleted Content added
छो 2409:4064:89:66B3:0:0:672:40A0 (Talk) के संपादनों को हटाकर J ansari के आखिरी अवतरण को पूर्ववत किया टैग: वापस लिया |
No edit summary टैग: मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन |
||
पंक्ति 3:
[[ध्यान]] की उच्च अवस्था को '''समाधि''' कहते हैं। हिन्दू, जैन, बौद्ध तथा योगी आदि सभी धर्मों में इसका महत्व बताया गया है। जब साधक ध्येय वस्तु के ध्यान मे पूरी तरह से डूब जाता है और उसे अपने अस्तित्व का ज्ञान नहीं रहता है तो उसे समाधि कहा जाता है। [[पतंजलि]] के [[योगसूत्र]] में समाधि को आठवाँ (अन्तिम) अवस्था बताया गया है।
{{योग}} समाधि के बाद प्रज्ञा का उदय होता है और यही योग का अंतिम लक्ष्य है।
[[श्रेणी:योग]]
|