"उर्दू शायरी": अवतरणों में अंतर
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→सन्दर्भ: तुम्हारे नाम को होठो पर सजाया है मैंने,तुम्हारी रूह को दिल में बसाया है मैंने,दुनिया आपको ढूंढ़ते-ढूंढ़ते हो जाए पागल,दिल के ऐसे कोने में आपको छुपाया है मैंने। |
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