"मतदान": अवतरणों में अंतर

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== इतिहास ==
[[प्राचीन भारत]] में गुटिकापात (lot) के अतिरिक्त मतदान द्वारा भी अधिकारियों के निर्वाचन की व्यवस्था थी। धार्मिक संस्थाओं में, विशेषत: बौद्ध संघों में, निर्वाचन के निश्चित नियमों का पालन किया जाता था। "[[चुल्लवग्ग|चुल्लबग्ग]]" में सक्य द्वारा मतदान की तीन प्रविधियों का उल्लेख है : गुप्त मतदान, कान में कहकर मत प्रकट करने की, प्रविधि तथा खुला मतदान। गुप्त मतदान के लिये बौद्ध संघ मतपरिपत्र के रूप में रंगीन काष्ठ शलाकाओं का प्रयोग करते थे। शलाकाओं का संग्राहक मतदाताओं को रंगों के अर्थ समझाकर उनके मत संग्रह करता था और बहुमत का निर्णय मान्य होता था। यूरोप में [[प्राचीन यूनान]] तथा इटली में मतदान की व्यवस्था अंकुर रूप में विद्यमान थी। प्राचीन राजतंत्रों में यह प्रचलन था कि कुछ गंभीर विषयों पर स्वयं निर्णय लेने के पूर्व राजा अपनी प्रजा की सहमती प्राप्त करने के लिये उसे आमंत्रित करे। ऐसी सभाओं में मत प्रकट करने का ढंग मौखिक था। एथेंस में गुटिकापात के अतिरिक्त जहाँ मतदान की व्यवस्था थी वहाँ हाथ उठाकर मत प्रकट करने की प्रथा थी। परंतु किसी व्यक्ति के सामाजिक स्तर पर प्रभाव डालने वाले विषयों पर गुप्त मतदान की व्यवस्था थी।नही थी।। रोम में ईदृ पूदृ दूसरी शताब्दी तक मतदान का ढंग "[[विभाजन]]" का (अर्थात् एक मत के लोगों का दूसरे मत के लोगों से अलग हो जाना) था। परंतु अधिकतर मतदाताओं का सामंतों पर आर्थिक तथा सामाजिक अवलंब होने के कारण यह व्यवस्था स्वतंत्र मतदान के लिये उपयुक्त न हो सकी। अत: विधान द्वारा मतपरिपत्र की व्यवस्था की गई जिसके लिये मोमरंजित काष्ठशलाका प्रयुक्त होती थी।
 
== महत्व ==
"https://hi.wikipedia.org/wiki/मतदान" से प्राप्त