"रविदास": अवतरणों में अंतर

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ग्रामीण जीवन में प्रचलित लोगो के अनुसार
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आप के सेवक आप को "" सतगुरु"", ""जगतगुरू"" आदि नामों से सत्कार करतहैं। आप ने अपनी दया दृष्टि से करोड़ों लोगों का उद्धार किया जैसे मीरा बाईसिकंदर लोधी राजा पीपा राजा नागरम।
गुरुवर रैदास जी मा गंगा के परम भक्त थे कहा जाता है कि जब रैदास भक्त की शादी हुई तो उन्होंने मा गंगा को सरयू में निमंत्रण भेजा था और जिस व्यक्ति को निमंत्रण सौंपा उससे कहा कि अगर मां गंगा स्वयं अपने हाथो से मेरा निमंत्रण स्वीकार करे तो देना, वो व्यक्ति जैसे ही गंगा के किनारे गया और कहा मां गंगा भक्त रैदास ने निमंत्रण भेजा है तो मां गंगा ने स्वयं अपना हाथ मा गंगा ने निकाला और निमंत्रण लिए.....
 
== जीवन ==