"विद्युत विभव": अवतरणों में अंतर

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उदाहरण- जिस प्रकार पानी के प्रवाह की दिशा उसके तल की ऊंचाई बताती है, ऊष्मा के प्रवाह की दिशा उसका ताप बताता है, उसी प्रकार दो आवेशित चालकों के मध्य आवेश प्रवाह की दिशा अर्थात् विद्युत क्षेत्र में आवेश के चलने की दिशा विद्युत विभव बताता है। जिस प्रकार पानी के प्रवाह की दिशा पानी की कुल मात्रा पर निर्भर पर नहीं करती है, प्रवाह की दिशा कुल निहित ऊष्मा की मात्रा पर निर्भर नहीं करती है, उसी प्रकार आवेश प्रवाह की दिशा कुल आवेश की मात्रा पर निर्भर नहीं करती है।
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किसी ईकाई धनावेश को अनन्त से किसी बिन्दु तक लाने में जितना [[कार्य]] करना पड़ता है उसे उस बिन्दु का '''विद्युत विभव''' (electric potential ) कहते हैं। दूसरे शब्दों में, किसी बिन्दु पर स्थित ईकाई बिन्दुवत धनावेश में संग्रहित वैद्युत [[स्थितिज ऊर्जा]], उस बिन्दु के विद्युत विभव के बराबर होती है। विद्युत विभव को Φ, Φ<sub>'''''E'''''</sub> या ''V'' के द्वारा दर्शाया जाता है। विद्युत विभव की [[अन्तर्राष्ट्रीय इकाई प्रणाली|अन्तर्राष्ट्रीय इकाई]] '''[[वोल्ट]]''' है।
हमें इसे यह कहना चाहिए कि‌ किसी "'[[आवेश ]]'" को उसी जैसे समान आवेश की ओर अनंत‌ बिंदु से ले जाने में किया गया कार्य ही विद्युत श)
 
उदाहरण- जिस प्रकार पानी के प्रवाह की दिशा उसके तल की ऊंचाई बताती है, ऊष्मा के प्रवाह की दिशा उसका ताप बताता है, उसी प्रकार दो आवेशित चालकों के मध्य आवेश प्रवाह की दिशा अर्थात् विद्युत क्षेत्र में आवेश के चलने की दिशा विद्युत विभव बताता है। जिस प्रकार पानी के प्रवाह की दिशा पानी की कुल मात्रा पर निर्भर पर नहीं करती है, प्रवाह की दिशा कुल निहित ऊष्मा की मात्रा पर निर्भर नहीं करती है, उसी प्रकार आवेश प्रवाह की दिशा कुल आवेश की मात्रा पर निर्भर नहीं करती है।
 
==स्थिरवैद्युतिकी==