"जहाज़पुर": अवतरणों में अंतर

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}}
'''जहाज़पुर''' (Jahazpur) [[भारत]] के [[राजस्थान]] राज्य के [[भीलवाड़ा ज़िले]] में स्थित एक नगर है।<ref>"[https://books.google.com/books?id=0LU7DwAAQBAJ Lonely Planet Rajasthan, Delhi & Agra]," Michael Benanav, Abigail Blasi, Lindsay Brown, Lonely Planet, 2017, ISBN 9781787012332</ref><ref>"[https://books.google.com/books?id=9TuZDwAAQBAJ Berlitz Pocket Guide Rajasthan]," Insight Guides, Apa Publications (UK) Limited, 2019, ISBN 9781785731990</ref>
=== जहाजपुर ===
 
भीलवाडा का प्रसिद्ध ऐतिहासिक स्थल, जिसका इतिहास बड़ा रंगबिरंगा रहा हैं। कर्नल जेम्स टॉड 1820 में उदयपुर जाते समय यहाँ आये थे। यहाँ का बड़ा देवरा (पुराने मंदिरों का समूह), पुराना किला और गैबीपीर के नाम से प्रसिद्ध मस्जिद दर्शनीय हैं।यहा पर जैन धर्म का मंदिर भी है जो स्वस्तिधाम के नाम से जाना जाता हे इस मंदिर श्री मुनि सुवर्तनाथ की प्राकट्य प्रतिमा है जो बहुत अदभुद हे यह प्रतिमा चमत्कारी है यह मंदिर शाहपुरा रोड पर स्थित है|जहाजपुर से 12 किलोमीटर दूर श्री घटारानी माता जी का मंदिर है जो अतिसुन्दर व् दर्शनीय है तथा इस मंदिर से 2 किलोमीटर दूर पंचानपुर चारभुजा का प्राकट्य स्थान मंदिर है|जहाजपुर क्षेत्र में एक नागदी बांध है जो अतिसूंदर व् आकर्षक है यहाँ एक नदी भी हे जिसे नागदी नदी के नाम से जाना जाता हैं इसे जहाजपुर की गंगा भी कहते है| जहाजपुर में देखने के लिए अनेको मंदिर व् धर्मस्तल है| जहाजपुर की भाषा व् जीवन शैली अदभुद है| जहाजपुर में कई मजबूत भील बस्तियां हुआ करती थीं।
 
== विवरण ==
जहाजपुर भीलवाड़ा जिले में (ध्रुवीय निर्देशांक: 25°37'7"N 75°16'32"E) स्थित बूंदी और शाहपुरा, तथा टोंक जिले के कस्बे देवली के निकट [[राजस्थान]] का एक प्राचीन क़स्बा है, जो [[उदयपुर]] से 96 मील (लगभग 153.6 कि.मी.) की दूरी पर उत्तर-पूर्व में स्थित है।
किंवदंती के अनुसार जहाजपुर के दुर्ग का निर्माण मूलत: महान मौर्य सम्राट [[अशोक]] के पौत्र सम्प्रति ने किया था जो [[जैन धर्म]] का अनुयायी था। यह दुर्ग हाडोती [[बूंदी]] और [[मेवाड़]] के भूभाग की एक गिरिद्वार की तरह रक्षा करता था। दसवीं शती में [[राणा कुंभा]] ने जहाजपुर के क़िले का पुन:निर्माण करवाया था। जहाजपुर में अनेक प्राचीन जैन मंदिरों के खंडहर<ref>2.'राजपूताना गजेटियर' 1880, पृ. 52</ref> मिले हैं। यह एक [[नगरपालिका]] और [[विधानसभा]] निर्वाचन क्षेत्र भी है।यह इलाक़ा खनिज संपदा से परिपूर्ण है।<ref>1.'ऐतिहासिक स्थानावली' | लेखक: विजयेन्द्र कुमार माथुर | प्रकाशक: [[राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादमी]], [[जयपुर]] |पृष्ठ संख्या: 361</ref>
 
भीलवाडा का प्रसिद्ध ऐतिहासिक स्थल, जिसका इतिहास बड़ा रंगबिरंगा रहा हैं। कर्नल जेम्स टॉड 1820 में उदयपुर जाते समय यहाँ आये थे। यहाँ का बड़ा देवरा (पुराने मंदिरों का समूह), पुराना किला और गैबीपीर के नाम से प्रसिद्ध मस्जिद दर्शनीय हैं।यहा पर जैन धर्म का मंदिर भी है जो स्वस्तिधाम के नाम से जाना जाता हे इस मंदिर श्री मुनि सुवर्तनाथ की प्राकट्य प्रतिमा है जो बहुत अदभुद हे यह प्रतिमा चमत्कारी है यह मंदिर शाहपुरा रोड पर स्थित है|जहाजपुर से 12 किलोमीटर दूर श्री घटारानी माता जी का मंदिर है जो अतिसुन्दर व् दर्शनीय है तथा इस मंदिर से 2 किलोमीटर दूर पंचानपुर चारभुजा का प्राकट्य स्थान मंदिर है|जहाजपुर क्षेत्र में एक नागदी बांध है जो अतिसूंदर व् आकर्षक है यहाँ एक नदी भी हे जिसे नागदी नदी के नाम से जाना जाता हैं इसे जहाजपुर की गंगा भी कहते है| जहाजपुर में देखने के लिए अनेको मंदिर व् धर्मस्तल है| जहाजपुर की भाषा व् जीवन शैली अदभुद है| जहाजपुर में कई मजबूत भील बस्तियां हुआ करती थीं।
 
== इन्हें भी देखें ==