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{{Infobox क्रान्तिकारी जीवनी
|नाम = भगत सिंह <br />ਭਗਤ ਸਿੰਘ
|जीवनकाल = 19 october 1907{{efn|name=birth}} से 23 मार्च 1931 ई०
|चित्र = [[चित्र:Bhagat Singh 1929 140x190.jpg|300px|Bhagat Singh 1929 140x190]]
|शीर्षक= भगत सिंह जाट 1929 ई० में
|उपनाम =
|जन्मस्थल = गाँव [[बंगा]], जिला [[लायलपुर]], [[पंजाब (पाकिस्तान)|पंजाब]] (अब [[पाकिस्तान]] में)जटृ जाट(सिक्ख)
|मृत्युस्थल = लाहौर सेंट्रल जेल, पंजाब (अब पाकिस्तान में)
|आन्दोलन = [[भारतीय स्वतन्त्रता संग्राम]]
|संगठन = नौजवान भारत सभा, हिन्दुस्तान सोशलिस्ट रिपब्लिकन ऐसोसियेशन
}}
(जन्म: सितम्बर/अक्टूबर १९०७{{efn|name=birth| भगत सिंह की जन्मतिथि विमर्श का विषय है। सामान्यतः उनका जन्म 28 सितंबर 1907 को माना जाता है,<ref>अमर शहीद भगत सिंह, वीरेन्द्र सिंधु, प्रकाशन विभाग, भारत सरकार, नयी दिल्ली, संस्करण-1974, पृष्ठ-4 (भूमिकादि के बाद)।</ref><ref>क्रान्तिवीर भगत सिंह : 'अभ्युदय' और 'भविष्य', संपादक- चमनलाल, लोकभारती प्रकाशन, इलाहाबाद, संस्करण-2012, पृ०-28.</ref> परन्तु भगत सिंह का जन्म पंजाब के गाँव बंगा, तहसील जड़ाँवाला, जिला लायलपुर में संवत् 1964 के आश्विन शुक्ल त्रयोदशी तिथि को शनिवार के दिन (तदनुसार 19 अक्टूबर 1907 ई०को) प्रातः काल 9:00 बजे हुआ था।<ref>शहीद सरदार भगत सिंह, [[रामदुलारे त्रिवेदी]], त्रिवेदी एंड कंपनी, कानपुर, प्रथम संस्करण-1938 ई०, पृष्ठ-9.</ref> इसी दिन बंगा में यह खबर पहुँची थी कि सरदार अजीत सिंह रिहा कर दिये गये हैं और भारत आ रहे हैं। यह भी समाचार घर पहुँचा था कि सरदार कृष्ण सिंह जी नेपाल से लाहौर पहुँच गये हैं और सरदार सुवर्ण सिंह जी इसी दिन जेल से छूटकर घर पहुँच गये थे। भगत सिंह की दादी ने जहाँ पौत्र का मुख देखा वहीं उन्हें अपने बिछड़े हुए तीनों पुत्रों का भी मंगलजनक समाचार mih
। अतः उन्होंने कहा बच्चा 'भागोंवाला' (भाग्यवान) उत्पन्न हुआ है, इसी कारण बालक का नाम पीछे भगतसिंह रख दिया गया। भगत सिंह के 23 मार्च 1931 को शहीद होने के तुरंत बाद उन पर केंद्रित 'अभ्युदय' पत्रिका के लिए विशेष रूप से लिखे गये 'फरिश्ता भगत सिंह' नामक परिचय में यही जन्मतिथि स्वीकार की गयी है।<ref>क्रान्तिवीर भगत सिंह : 'अभ्युदय' और 'भविष्य', संपादक- चमनलाल, लोकभारती प्रकाशन, इलाहाबाद, संस्करण-2012, पृ०-100.</ref> इतना ही नहीं 16 अप्रैल 1931 को प्रकाशित 'भविष्य' पत्रिका के अंक में भी भगत सिंह के परिचय में यही जन्मतिथि दी गयी है।<ref>क्रान्तिवीर भगत सिंह : 'अभ्युदय' और 'भविष्य', संपादक- चमनलाल, लोकभारती प्रकाशन, इलाहाबाद, संस्करण-2012, पृ०-232.</ref> पुनः 4 जून 1931 को प्रकाशित 'भविष्य' के अंक में भगत सिंह के करीबी मित्र श्री जितेंद्र नाथ सान्याल द्वारा लिखित जीवनी के अंश में भी 1907 के अक्टूबर में शनिवार के प्रातः काल भगत सिंह का जन्म माना गया है।<ref>क्रान्तिवीर भगत सिंह : 'अभ्युदय' और 'भविष्य', संपादक- चमनलाल, लोकभारती प्रकाशन, इलाहाबाद, संस्करण-2012, पृ०-279.</ref><ref>SARDAR BHAGAT SINGH (A SHORT LIFE-SKETCH), JITENDRANATH SANYAL, Allahabad, first edition-May,1931, p.5.</ref> स्वयं क्रांतिकारी दल में सम्मिलित रहे सुप्रसिद्ध लेखक श्री [[मन्मथनाथ गुप्त]] ने भी उक्त तिथि को ही स्वीकार किया है।<ref>भारत में सशस्त्र क्रांति-चेष्टा का रोमांचकारी इतिहास, मन्मथनाथ गुप्त, नागरी प्रेस, प्रयाग, संस्करण-1939, पृष्ठ-237.</ref> इस प्रकार भगत सिंह के समसामयिक व्यक्तियों द्वारा उल्लिखित तथ्यों के अनुसार उनकी जन्मतिथि 19 अक्टूबर 1907 ई० ही सिद्ध होती है। बावजूद इसके उनकी जन्मतिथि 28 सितंबर के रूप में प्रचलित हो गयी है और उन पर काम करने वाले विद्वान भी बिना विशेष विचार किए 28 सितंबर को ही उनके जन्म-दिनांक के रूप में मानते चले जा रहे हैं। एक बार भगत अपने पिता के साथ जंगल मे शिकार पर गए थे। तब बचपन मे ही उन्होंने वह बाघ को मार कर उसका गोश्त खाया था वे ऐसा अक्सर करते रहते थे।}}&nbsp;, मृत्यु: २३ मार्च १९३१) [[भारत]] के एक प्रमुख [[स्वतंत्रता सेनानी]] क्रांतिकारी थे। [[चन्द्रशेखर आजाद]] व पार्टी के अन्य सदस्यों के साथ मिलकर इन्होंने देश की आज़ादी के लिए अभूतपूर्व साहस के साथ शक्तिशाली ब्रिटिश सरकार का मुक़ाबला किया। पहले [[लाहौर]] में साण्डर्स की हत्या और उसके बाद [[दिल्ली]] की केन्द्रीय संसद (सेण्ट्रल असेम्बली) में बम-विस्फोट करके [[ब्रिटिश साम्राज्य]] के विरुद्ध खुले विद्रोह को बुलन्दी प्रदान की। इन्होंने असेम्बली में बम फेंककर भी भागने से मना कर दिया। जिसके फलस्वरूप इन्हें [[२३ मार्च]] [[१९३१]] को इनके दो अन्य साथियों, [[राजगुरु]] तथा [[सुखदेव]] के साथ( कुल दो केस में ) फाँसी पर लटका दिया गया। सारे देश में उनके बलिदान को बड़ी गम्भीरता से याद किया जाता है।