"बिश्नोई": अवतरणों में अंतर

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गुरु जम्भेश्वर भगवान
 
बिश्नोई हिन्दू धर्म के अंदर एक प्रकृति प्रेमी पंथ है।इस पंथ के संस्थापक जाम्भोजी महाराज है।बिश्नोई पंथ में दीक्षित(अपनाने) होने वाले जाट तथा अन्य जाति के व्यक्ति थे। श्री गुरू जाम्भोजी महाराज द्वारा बताये [https://www.bishnoimirror.in/2020/02/twenty-nine-rules.html 29 नियमो] का पालन करने वाला बिश्नोई है। यानी बीस+नौ=बिश्नोई। बिश्नोई शुध्द [[शाकाहार|शाकाहारी]] है।हैं। बिशनोई [https://www.bishnoimirror.in/2020/02/twenty-nine-rules.html 29 नियमो] पर चलते है। बिश्नोई समाज की [[पर्यावरण सरंक्षण]] और वन्य जीव सरंक्षण में महत्वपूर्ण भूमिका है।
 
== बिश्नोई समाज के गोत्र ==
 
अग्रवाल, अडींग्, अभीर् / अहीर् / अहैर्, अडोल्, अवतार्, अहोदिया, अत्रि, अतलि, आंजणा, आमरा, आयस्, आसियां, आनणा, आखा, अखिंड्, इहराम/ईसराम्), ईसरवा, ईसरवाल्, ईनाणिया, ईयारं, ईडंग्, उत्कल्, उमराव्, ऊनिया, ऐचरा, ऐरण्, ऐरब्,ओऊ,ओला, ओदिया (अहोदिया), ओटिया, ओरवा, कडवासरा (कुराडा), कसवां(कावां),करीर्, कणेंटा, कसबी, कबीरा, कलवाणिया, कलेडिया, कमणीगारा, करड्, कमेडिया, कच्छवाया / कच्छवाई, कश्यप, कालीराणा (कल्याणा), काकड़, कालडा, कासणिया, कामटा, कांसल, कांगडा, किरवाला, कीकरं,खदाव, खडहड्, खेडी,खोखर,खाट, खाती, खावा, खारा, खिलेरी, खीचड़, खुडखुडीया, खेरा, खोखर,खोत, खोजा, खोड, गर्ग, गावाल,गाट,गिल्ला, गुरु, गुजेला (उदावत), गुरुसर, गुजर, गुलेचा, गुप्ता, गुरुड, गुडल, गेर, गेहलोत, गोदारा (सोनगरा, उदाणी, खरींगा, धोलिया, बबनीड़), सिसोदिया, देवड़ा, गहलोत, गोरा, गोयत, गोयल, (गोभिल्, गोविल, गोहिल),गोगियां, गोला, गौड, घणघस, घ्टियाल, घांगु, चाहर,चांगङ , चंदेल, चोटिया, चमण्डा, छींपा (दरजी), जांगु, जाखड्, जायल्, जाजुदा, जाणी (ज्याणी), जांगडा, झंवर, झांस, झांग्, झाझडा, झाझण्, झाला, झूरिया, झोधकण (जोधकरन्), झाडा,झोरड्, ट्ण्डन्, टाडा, तांडी, टुसिया(टुहिया), टोकसिया, ठकरवा, ठोड्, डबोकिया, डारा, डागा, डागर्, डींगल्, डूडी, डेहला, डेलू, डोगिपाल्, ढल्, ढहिया,ढाका, ढाढरवाल्, ढाढ्णिया, ढिड्, ढूंढिया, ढूकिया (डहूकिया), तल्लीवाला, तरड्, तंवर (तीवंर, तुंवर्, तुअर्, तोमर्) तगा (त्यागी), तांडी, तापास, तायल्, तांडा, तुंदल्, तुरका, तेतरवाल्, तेली,तोड्, थलवट्, थालोड्, थापन्, थोरी, दडक (धडक्), दरजी, दासा, दिलोहया (दुलोलिया)दुगसर्, देहडू, दहिया, देवडा (खेडेवाला), टोहरवाला, मोड्, लोडा, दोतड्, धतरवाल्, धधारी, धारणियाँ , धायल, धारिया, धूमर्, नरुका, नकोसिया, नफरी, नाडा, नाइया, नागर्, नाथ, नाई, निरबाण्, नीबीबागा, नेहरा, नैण, परमार (पंवार, पवार्, पुवार्, पुआर्), पडियाल (पडिहार्),पठान्, पराशर्, प्यारी, पालडिया, पारस्, पाल्, पाटोदिया, पारिक्, पीथरा, पुरवार् (पुरवाल्, पोरवाल्, पैरवाल्), पुइया, पुष्करणझ(पोहकरण्),पूनिया, पोटलिया, फलावर्, बरड्, बदिता, बडोला, बडएड्, ब्रदाई, बनगर्, बटेसर्, बलावत्,बल्ड्किया, बजाज्, बलोईया, बछियाल्, बलाई, बडोला, बसोयाल्, बंसल्, बदिया, बल्हाकिया, बरुडिया, बाबल्, बाणीछु,बागडिया, बाजरिया, बाडेटा, बाणिया (बनिया), बावरा, बांगडवा, बाना, बाजिया, बाडंग्, बासत्, बागेशु, बाकेला, बानरवाल्(अहिर्), बिछु, बिडासर्, बिलाद्, बिडाल्, बिडग्, बिडियारझ (बिडार्,बिलोनिया, बीलोडिया, बूडिया, भवाभलूंडिया, भांडे, भादू, भारवर्, भोडर्, भाडेर्,भारद्वाज्, भिलूमिया, भीचर्, भोजावत, भोडिसर्, भोछा, भुरटा, भुरन्ट्, भुट्टा, भूल्, भूश्रण्, मण्डा, मतवाला, महिया, मल्ला, मारत्, माँझू, माल्, माचरा, मालपुआ, मालपुरा, मालीवाल्,माहेश्वरी, मातवा, मान्दु, माई, मांगलिया, मिश्र्, मितल्, मील्, मीठातगा, मुरटा, मुंडेल्, मुदगिल्, मुरिया (मावरिया), मूंढ, मेहला, मेवदा, मोहिल्, मोगा, रशा, रंगा, रघुवंशी, राड् (राहड्),रायल, राव्, रावत्, राठौड्, रणोड्, रिणवा, रुबाबल, खोडा, रोहज्, रोझा, रोड्, लटियाल्, लरियाल्, लाम्बा, लागी, लोल्, लोहमरोड्, लुहार्, वरा, व्यास्, वरासर्, वासनेय्, वात्सलय्, विलाला, विसु, सराक्, सरावग, सहू (साहू,सोहू), सदु, सगर्, साई, सांवक्, सहारण(सारन्), सांखल्(सागर्), सारस्वत्, साबण्(शाबण्), सियाक् (सियाख, सियाग्, सिहाग्), सिसोदिया (सागर्), सिंगल (सिंगला, सिंघल्, सिंहला), सिंवर्, सिंवल् सिंयोल, सिवरखिया, सिरडक्, सिरोडिया, सिंधल् (राठोड्),सिरडिया, सीलक्, सीगड्, [[सुथार]] (खाती, जांगडा, बढई, तरवान्), सुनार, सूर्, सेरडिया, सेवदा, सेहर् (शेर्), सेधो (सेथो), सेंगडा, सोढा, सोलंकी, सोनक् (सुनार्), शांक, शाह, शाण्ड्लय्, शिव्, श्रीमाली, शिढोला, हरडू, हरीजा, हाडा (उदावत्, बलावत्, भोजावत्), हरिया, हरिवासिया, हुमडा, हुड्डा। गोदारा, बेहनीवाल् (बिणयाल् लोल्, मांजू, बेरवाल्, पंवार्, खोखर्, टोकसिया, जाणी, तेतरवाल्, नैण्, गर्ग्, सहू, पूनिया, चैहान।बागडिया (बागंडवा), चौहान (चवाण), लटियाल, सिंवल, सियोल, सिंवर, गूजर गौड्, बावरा, अग्रवाल, दडक, तंवर (तीवंर), पंवार (पुआर), सोढा, पण्ड्वालिया (पवाडिया)। चांगडा, पाटोदिया, सीलक् (छटिया), देहिया, भुरटा, जाला, झांस, लूदरिया, धामु, गुजर, पंवार कुलहडिया। चौहान (शाण्डलय्), थापन् (चौहान, सहू), बाघेला, राठौड्, देवडा (मोड्, लोडा, खेडेवाला, टोडरवाला), सिसोदिया (सागर्), चन्देल्, हाडा(भोजावत्, उदावत, बलावत्), मोहिल्, पंवार्, गुजेला, सांखला (एयर)। नोटःथापन गोत्र्,,सुथार गोत्र तथा दनगर गोत्र्- जाट(80 प्रतिशत्), ब्राम्हण्, कुरमी, अहीर, सुथार (खाती, जांगडा, बढई, तरखाना), सुनार्, गुजर्, गुप्ता (वंश्), छिंपा (दरजी), तगा (त्यागी), माहेश्वरी, कसबी, बेहडा, (बुनगर्, बेजरा), पुष्पकरणा(पोहकरणा), बजाज्, बाणिया (बनिया), सारस्वत्, श्रीमाली ,गीला, भादू
 
==समाज की स्थापना==
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विश्नोई समाज विश्व का सर्वश्रेष्ठ समाज है। इस समाज के लोग पेड़ पौधों और वन्य जीवों की रक्षा करते हैं। विश्नोई समाज के लोगों का मूल मंत्र है - सिर सांटे रूंख रहे तो भी सस्तो जाण।
 
== बिश्नोई समाज के गोत्र ==
 
अग्रवाल, अडींग्, अभीर् / अहीर् / अहैर्, अडोल्, अवतार्, अहोदिया, अत्रि, अतलि, आंजणा, आमरा, आयस्, आसियां, आनणा, आखा, अखिंड्, इहराम/ईसराम्), ईसरवा, ईसरवाल्, ईनाणिया, ईयारं, ईडंग्, उत्कल्, उमराव्, ऊनिया, ऐचरा, ऐरण्, ऐरब्,ओऊ,ओला, ओदिया (अहोदिया), ओटिया, ओरवा, कडवासरा (कुराडा), कसवां(कावां),करीर्, कणेंटा, कसबी, कबीरा, कलवाणिया, कलेडिया, कमणीगारा, करड्, कमेडिया, कच्छवाया / कच्छवाई, कश्यप, कालीराणा (कल्याणा), काकड़, कालडा, कासणिया, कामटा, कांसल, कांगडा, किरवाला, कीकरं,खदाव, खडहड्, खेडी,खोखर,खाट, खाती, खावा, खारा, खिलेरी, खीचड़, खुडखुडीया, खेरा, खोखर,खोत, खोजा, खोड, गर्ग, गावाल,गाट,गिल्ला, गुरु, गुजेला (उदावत), गुरुसर, गुजर, गुलेचा, गुप्ता, गुरुड, गुडल, गेर, गेहलोत, गोदारा (सोनगरा, उदाणी, खरींगा, धोलिया, बबनीड़), सिसोदिया, देवड़ा, गहलोत, गोरा, गोयत, गोयल, (गोभिल्, गोविल, गोहिल),गोगियां, गोला, गौड, घणघस, घ्टियाल, घांगु, चाहर,चांगङ , चंदेल, चोटिया, चमण्डा, छींपा (दरजी), जांगु, जाखड्, जायल्, जाजुदा, जाणी (ज्याणी), जांगडा, झंवर, झांस, झांग्, झाझडा, झाझण्, झाला, झूरिया, झोधकण (जोधकरन्), झाडा,झोरड्, ट्ण्डन्, टाडा, तांडी, टुसिया(टुहिया), टोकसिया, ठकरवा, ठोड्, डबोकिया, डारा, डागा, डागर्, डींगल्, डूडी, डेहला, डेलू, डोगिपाल्, ढल्, ढहिया,ढाका, ढाढरवाल्, ढाढ्णिया, ढिड्, ढूंढिया, ढूकिया (डहूकिया), तल्लीवाला, तरड्, तंवर (तीवंर, तुंवर्, तुअर्, तोमर्) तगा (त्यागी), तांडी, तापास, तायल्, तांडा, तुंदल्, तुरका, तेतरवाल्, तेली,तोड्, थलवट्, थालोड्, थापन्, थोरी, दडक (धडक्), दरजी, दासा, दिलोहया (दुलोलिया)दुगसर्, देहडू, दहिया, देवडा (खेडेवाला), टोहरवाला, मोड्, लोडा, दोतड्, धतरवाल्, धधारी, धारणियाँ , धायल, धारिया, धूमर्, नरुका, नकोसिया, नफरी, नाडा, नाइया, नागर्, नाथ, नाई, निरबाण्, नीबीबागा, नेहरा, नैण, परमार (पंवार, पवार्, पुवार्, पुआर्), पडियाल (पडिहार्),पठान्, पराशर्, प्यारी, पालडिया, पारस्, पाल्, पाटोदिया, पारिक्, पीथरा, पुरवार् (पुरवाल्, पोरवाल्, पैरवाल्), पुइया, पुष्करणझ(पोहकरण्),पूनिया, पोटलिया, फलावर्, बरड्, बदिता, बडोला, बडएड्, ब्रदाई, बनगर्, बटेसर्, बलावत्,बल्ड्किया, बजाज्, बलोईया, बछियाल्, बलाई, बडोला, बसोयाल्, बंसल्, बदिया, बल्हाकिया, बरुडिया, बाबल्, बाणीछु,बागडिया, बाजरिया, बाडेटा, बाणिया (बनिया), बावरा, बांगडवा, बाना, बाजिया, बाडंग्, बासत्, बागेशु, बाकेला, बानरवाल्(अहिर्), बिछु, बिडासर्, बिलाद्, बिडाल्, बिडग्, बिडियारझ (बिडार्,बिलोनिया, बीलोडिया, बूडिया, भवाभलूंडिया, भांडे, भादू, भारवर्, भोडर्, भाडेर्,भारद्वाज्, भिलूमिया, भीचर्, भोजावत, भोडिसर्, भोछा, भुरटा, भुरन्ट्, भुट्टा, भूल्, भूश्रण्, मण्डा, मतवाला, महिया, मल्ला, मारत्, माँझू, माल्, माचरा, मालपुआ, मालपुरा, मालीवाल्,माहेश्वरी, मातवा, मान्दु, माई, मांगलिया, मिश्र्, मितल्, मील्, मीठातगा, मुरटा, मुंडेल्, मुदगिल्, मुरिया (मावरिया), मूंढ, मेहला, मेवदा, मोहिल्, मोगा, रशा, रंगा, रघुवंशी, राड् (राहड्),रायल, राव्, रावत्, राठौड्, रणोड्, रिणवा, रुबाबल, खोडा, रोहज्, रोझा, रोड्, लटियाल्, लरियाल्, लाम्बा, लागी, लोल्, लोहमरोड्, लुहार्, वरा, व्यास्, वरासर्, वासनेय्, वात्सलय्, विलाला, विसु, सराक्, सरावग, सहू (साहू,सोहू), सदु, सगर्, साई, सांवक्, सहारण(सारन्), सांखल्(सागर्), सारस्वत्, साबण्(शाबण्), सियाक् (सियाख, सियाग्, सिहाग्), सिसोदिया (सागर्), सिंगल (सिंगला, सिंघल्, सिंहला), सिंवर्, सिंवल् सिंयोल, सिवरखिया, सिरडक्, सिरोडिया, सिंधल् (राठोड्),सिरडिया, सीलक्, सीगड्, [[सुथार]] (खाती, जांगडा, बढई, तरवान्), सुनार, सूर्, सेरडिया, सेवदा, सेहर् (शेर्), सेधो (सेथो), सेंगडा, सोढा, सोलंकी, सोनक् (सुनार्), शांक, शाह, शाण्ड्लय्, शिव्, श्रीमाली, शिढोला, हरडू, हरीजा, हाडा (उदावत्, बलावत्, भोजावत्), हरिया, हरिवासिया, हुमडा, हुड्डा। गोदारा, बेहनीवाल् (बिणयाल् लोल्, मांजू, बेरवाल्, पंवार्, खोखर्, टोकसिया, जाणी, तेतरवाल्, नैण्, गर्ग्, सहू, पूनिया, चैहान।बागडिया (बागंडवा), चौहान (चवाण), लटियाल, सिंवल, सियोल, सिंवर, गूजर गौड्, बावरा, अग्रवाल, दडक, तंवर (तीवंर), पंवार (पुआर), सोढा, पण्ड्वालिया (पवाडिया)। चांगडा, पाटोदिया, सीलक् (छटिया), देहिया, भुरटा, जाला, झांस, लूदरिया, धामु, गुजर, पंवार कुलहडिया। चौहान (शाण्डलय्), थापन् (चौहान, सहू), बाघेला, राठौड्, देवडा (मोड्, लोडा, खेडेवाला, टोडरवाला), सिसोदिया (सागर्), चन्देल्, हाडा(भोजावत्, उदावत, बलावत्), मोहिल्, पंवार्, गुजेला, सांखला (एयर)। नोटःथापन गोत्र्,,सुथार गोत्र तथा दनगर गोत्र्- जाट(80 प्रतिशत्), ब्राम्हण्, कुरमी, अहीर, सुथार (खाती, जांगडा, बढई, तरखाना), सुनार्, गुजर्, गुप्ता (वंश्), छिंपा (दरजी), तगा (त्यागी), माहेश्वरी, कसबी, बेहडा, (बुनगर्, बेजरा), पुष्पकरणा(पोहकरणा), बजाज्, बाणिया (बनिया), सारस्वत्, श्रीमाली ,गीला, भादू
 
==सन्दर्भ==
{{ 1857 की क्रान्ति में महत्वपूर्ण योगदान ह }}
[[बिश्नोई समाज की पर्यावरण सरंक्षण और वन्य जीव सरंक्षण में महत्वपूर्ण भूमिका है]]