"हरे कृष्ण (मंत्र)": अवतरणों में अंतर

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गौड़ीय वैष्णव परम्परा एवं 'अन्तर्राष्ट्रीय श्रीकृष्ण भावनामृत संघ' के संस्थापकाचार्य श्रील प्रभुपाद जी महाराज ने इस 'हरे कृष्ण महामंत्र' को पूरे विश्व में प्रसिद्ध कर दिया।
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'''हरे कृष्ण मंत्र''' [[कलि संतारण उपनिषद]] में वर्णित एक मंत्र है जिसे वैष्णव लोग 'महामन्त्र' कहते हैं। १५वीं शताब्दी में [[चैतन्य महाप्रभु]] के भक्ति आन्दोलन के समय यह [[मंत्र]] प्रसिद्ध हुआ। इस मंत्र के रचयिता रघुनाथ भट्ट है , जो षढगोंसाई मैं से एक है
 
यह मंत्र निम्नलिखित है-
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: ''राम राम हरे हरे॥''
 
गौड़ीय वैष्णव परम्परा एवं 'अन्तर्राष्ट्रीय श्रीकृष्ण भावनामृत संघ' के संस्थापकाचार्य श्रील प्रभुपाद जी महाराज ने इस 'हरे कृष्ण महामंत्र' को पूरे विश्व में प्रसिद्ध कर दिया।
[[श्रेणी:हिन्दू धर्म]]