"राज सिंह प्रथम": अवतरणों में अंतर

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{{मेवाड़ी राणा}}
'''[https://www.rajgk.in/2020/02/maharana-raj-singh-history-in-hindi.html राज सिंह प्रथम]''' (24 सितम्बर 1629 – 22 अक्टूबर 1680) [[मेवाड़]] के [[शिशोदिया राजवंश]] के शासक (राज्यकाल 1652 – 1680) थे। वे [[जगत सिंह प्रथम]] के पुत्र थे। उन्होने [[औरंगजेब]] के अनेकों बार विरोध किया।
 
राजनगर (कांकरोली / राजसमंद) के राजा [https://www.rajgk.in/2020/02/maharana-raj-singh-history-in-hindi.html महाराणा राज सिंह जी] का जन्म 24 सितंबर 1629 को हुआ। उनके पिता महाराणा जगत सिंह जी और मां महारानी मेडतणीजी थीं। मात्र 23 वर्ष की छोटी उम्र में उनका राज्याभिषेक हुआ था। वे न केवल एक कलाप्रेमी, जन जन के चहेते, वीर और दानी पुरुष थे बल्कि वे धर्मनिष्ठ, प्रजापालक और बहुत कुशल शासन संचालन भी थे।
 
उनके राज्यकाल के समय लोगों को उनकी दानवीरता के बारे में जानने का मौका मिला। उन्होने कई बार सोने चांदी, अनमोल धातुएं, रत्नादि के तुलादान करवाये और योग्य लोगों को सम्मानित किया। [[राजसमंद झील]] के किनारे नौचोकी पर बड़े-बड़े पचास प्रस्तर पट्टों पर उत्कीर्ण राज प्रशस्ति शिलालेख बनवाये जो आज भी नौचोकी पर देखे जा सकते हैं। इनके अलावा उन्होनें अनेक बाग बगीचे, फव्वारे, मंदिर, बावडियां, राजप्रासाद, द्धार और सरोवर आदि भी बनवाये जिनमें से कुछ कालान्तर में नष्ट हो गये। उनका सबसे बड़ा कार्य राजसमंद झील पर पाल बांधना और कलापूर्ण नौचोकी का निर्माण कहा जा सकता है।
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==बाहरी कड़ियाँ==
*[httphttps://dirghatamawww.blogspotrajgk.in/20142020/0802/blogmaharana-post_25raj-singh-history-in-hindi.html महाराणा राजसिंह-- मुगलों को मात पर मात देते रहे]
 
[[श्रेणी:मेवाड़ के शासक]]