"मासिक धर्म": अवतरणों में अंतर

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ल्युटिल (अंडे बाहर छोड़ने पर)
फॉलिक्युलर टप्पा
इस टप्पे में रक्त बहने का पहले दिन शुरू होता है। (दिवस १) परंतु इस टप्पे की विशेषता मतलब ओव्हरीज में फॉलिकल का विकास होना। फॉलिक्युलर टप्पे के शुरुआत में गर्भाशय का अस्तर (एंडोमेट्रियम) गर्भ के पोषण के लिए आवश्यक एेसे द्रव भरकर फुगता है। अंडे का फलन नही हुआ तो एस्ट्रोजेन और प्रोजेस्टेरॉन का प्रमाण कम होता है। इसके परिणामस्वरूप एंडोमेट्रियम का ऊपरी स्तर बाहर डाला जाता है और मासिकधर्म का रक्त बहना शुरू होता है। साधारण इसी समय पिट्युटरी ग्रंथी में से फॉलिकल को उत्तेजित करनेवाले संप्रेरकाें की निर्मिती जरा ज्यादा प्रमाण में की जाती है। इन संप्रेरकाे के मार्फत साधारणतः ३ से १० फॉलिकल्स तैयार किए जाते है।प्रत्येक में एक अंडा होता है। इन टप्पो में इन संप्रेरकाें का प्रमाण कम होने लगता है इनमें से एक डॉमिनंट फॉलिकल की ग्रोथ(व्रू्ध्दी) होती रहती है। कुछ कालावधी के बाद वह स्वतः एस्ट्रोजेन तैयार करने लगता है और अन्य फॉलिकल्स नष्ट होते हैं। फॉलिक्युलर टप्पा लगभग १३-१४ दिनों का होता है। तीनों टप्पो की तुलना में इस टप्पे की कालावधी में सर्वाधिक बदल होते रहते हैं। मेनोपॉज के समय भी यह टप्पा कम दिनों का होता है। ल्युटिनायझिंग संप्रेरक(हार्मोन) का प्रमाण बढता है उस समय यह टप्पा समाप्त होता है परिणामस्वरूप अंडे बाहर छोडे जाते हैं।
 
(ओव्ह्यूलेशन).
ओव्ह्यूलेटरी टप्पा
ल्युटिनायझिंग संप्रेरक का प्रमाण बढता है तब यह टप्पा शुरू होता है। ल्युटिनायझिंग संप्रेरक के कारण डॉमिनंट फॉलिकल को उत्तेजना मिलती है और अंत में वह बीजांडकोश की दीवार से बाहर आते हैं और अंडे बाहर छोडे जाते हैं। इसके बाद फॉलिकल को उत्तेजित करनेवाले संप्रेरक का प्रमाण धीमी गती से बढता है। फॉलिकल ला उत्तेजित करनेवाले संप्रेरक का प्रमाण बढने का कारण फिलहाल ठीक से समझा नहीं। हा टप्पा साधारणतः १६ ते ३२ तास चालतो व अंडे बाहेर सोडण्याच्या क्रियेने ह्याची सांगता होते. अंडे बाहेर सोडले गेल्यानंतर १२ ते २४ तासांनी, ल्युटिनायझिंग हार्मोनमधील वाढ लघवी तपासल्यानंतर दिसून येते. हे प्रमाण मोजल्याने एखादी स्त्री फलनक्षम आहे अथवा नाही हे समजते. अंडे सोडल्यानंतर अधिकतम १२ तासांपर्यंत त्याचे फलन होऊ शकते. अंडे बाहेर सोडले जाण्याआधी पुनरुत्पादक नलिकेत (रिप्रॉडक्टिव्ह ट्रॅक) शुक्रजंतू हजर असल्यास फलनाची शक्यता जास्त असते. ओव्यूयालेशनचे वेळी काही स्त्रियांना ओटीपोटाच्या खालच्या एका बाजूस वेदना जाणवते, तिला मधली वेदना (शब्दाश:, मिडल पेन) म्हणतात. ही वेदना
 
== समस्याएं ==