"कृष्ण": अवतरणों में अंतर

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| weapon = [[सुदर्शन चक्र]]
|battles = [[कुरुक्षेत्र युद्ध]]
| abode = [[वृंदावन]], [[द्वारका]], [[गोकुल]], [[वैकुंठ]], मथुरा
| texts = '' [[भागवत पुराण]] '', '' [[हरिवंश ]], '' [[विष्णु पुराण]], '' [[महाभारत]] '' ('[[भगवद् गीता]]' ''), '' [[गीत गोविंद]] ''
| teacher = [[संदीपन]]
| parents = [[देवकी]] (माँ) और वासुदेव (पिता), [[यशोदा]] (पालक मां) और नंदा बाबा (पालक पिता)
| siblings = [[बलराम]], [[सुभद्रा]]
| consortsजीवनसाथी = [[राधा= ]],[[रुक्मिणी]], [[सत्यभामा]], [[जांबवती]], [[नग्नजित्ती]], [[लक्षणा]], [[कालिंदी]], [[भद्रा]] <ref name=hawley12>{{cite book|title = The Divine Consort: Rādhā and the Goddesses of India|author=John Stratton Hawley, Donna Marie Wulff|publisher=Motilal Banarsidass Publisher|date= 1982|ISBN = 9780895811028|page=12}}</ref>{{refn|group=note|The regional texts vary in the identity of Krishna's wife (consort), some presenting it as Rukmini, some as Radha, some as Svaminiji, some adding all ''gopis'', and some identifying all to be different aspects or manifestation of one [[Devi]] Lakshmi.<ref name=hawley12/>{{sfn|Bryant|2007|p=443}}}}
| festivals = कृष्णा जन्माष्टमी, [[होली]]
|dynasty = [[चंद्र राजवंश | सोमवंश (यदुवंशी)]]
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[[चित्र:Janamashtami 08 (5).jpg|thumb|250px|बाल कृष्ण का लड्डू गोपाल रूप, जिनकी घर घर में पूजा सदियों से की जाती रही है।]]
'''श्रीकृष्ण''' भगवान [[विष्णु]] के 8वें अवतार और [[हिन्दू धर्म]] के ईश्वर माने जाते हैं। कन्हैया, श्याम, गोपाल, केशव, द्वारकेश या द्वारकाधीश, वासुदेव आदि नामों से भी उनको जाना जाता हैं। कृष्ण निष्काम कर्मयोगी, एक आदर्श दार्शनिक, स्थितप्रज्ञ एवं दैवी संपदाओं से सुसज्ज महान पुरुष थे। उनका जन्मअवतरण [[द्वापरयुग]] में हुआ था। उनको इस युग के सर्वश्रेष्ठ पुरुष युगपुरुष या युगावतार का स्थान दिया गया है। कृष्ण के समकालीन महर्षि [[वेदव्यास]] द्वारा रचित [[भागवत पुराण|श्रीमद्भागवत]] और [[महाभारत]] में कृष्ण का चरित्र विस्तुत रूप से लिखा गया है। [[भगवद्गीता]] कृष्ण और अर्जुन का संवाद है जो ग्रंथ आज भी पूरे विश्व में लोकप्रिय है। इस कृति के लिए कृष्ण को जगतगुरु का सम्मान भी दिया जाता है। कृष्ण [[वसुदेव]] और [[देवकी]] की 8वीं संतान थे। [[मथुरा]] के कारावास में उनका जन्म हुआ था और [[गोकुल]] में उनका लालन पालन हुआ था। [[यशोदा]] और [[नन्द]] उनके पालक माता पिता थे। उनका बचपन गोकुल में व्यतित हुआ। बाल्य अवस्था में ही उन्होंने बड़े बड़े कार्य किये जो किसी सामान्य मनुष्य के लिए सम्भव नहीं थे। मथुरा में मामा [[कंस]] का वध किया। [[सौराष्ट्र]] में [[द्वारका]] नगरी की स्थापना की और वहां अपना राज्य बसाया। [[पाण्डव|पांडवों]] की मदद की और विभिन्न आपत्तियों में उनकी रक्षा की। महाभारत के युद्ध में उन्होंने [[अर्जुन]] के सारथी की भूमिका निभाई और भगवद्गीता का ज्ञान दिया जो उनके जीवन की सर्वश्रेष्ठ रचना मानी जाती है। 124 वर्षों के जीवनकाल के बाद उन्होंने अपनी लीला समाप्त की। उनके अवतार समाप्ति के तुरंत बाद [[परीक्षित]] के राज्य का कालखंड आता है। राजा परीक्षित, जो [[अभिमन्यु]] और [[उत्तरा]] के पुत्र तथा अर्जुन के पौत्र थे, के समय से ही [[कलियुग]] का आरंभ माना जाता है।
[[File:A view of the history, literature, and religion of the Hindoos, including a minute description of their manners and customs, and translations from their principal works (1863) (14781550762).jpg|thumb|हिन्दुओं के इतिहास, साहित्य और धर्म का एक दृश्य, जिसमें उनके शिष्टाचार और रीति-रिवाजों का एक मिनट वर्णन और उनके प्रमुख कार्यों (1863) (147 9 1550762) से अनुवाद शामिल हैं]]
[[File:Beauty of lord krishn.jpg|thumb|भगवान कृष्ण की सुंदरता दिखाती एक छवि ]]
"https://hi.wikipedia.org/wiki/कृष्ण" से प्राप्त