"भारत में मातृ मृत्यु दर": अवतरणों में अंतर

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1980-2015 से [[भारत]] में मातृ मृत्यु का 1.5% कारण एक्लंप्षण (इक्लेम्प्सिया) रहा है।<ref name="Nobis 2016">{{cite journal |last1=Nobis |first1=P. N. |last2=Hajong |first2=Anupama |title=Eclampsia in India Through the Decades |journal=The Journal of Obstetrics and Gynecology of India |date=8 January 2016 |volume=66 |issue=S1 |pages=172–176 |doi=10.1007/s13224-015-0807-5|pmid=27651598 |pmc=5016424 }}</ref> उस समय, इस बीमारी का अनुभव करने वाली महिलाओं की संख्या समान रही है, लेकिन हालत से मातृ मृत्यु की संख्या में भी थोड़ी कमी आई है।<ref name="Nobis 2016"/>
 
==फैलाव==
 
''सैंपल रजिस्ट्रेशन सिस्टम बुलेटिन - 2016'' के अनुसार, भारत ने 2013 से मातृ मृत्यु का अनुपात (MMR) में 26.9 प्रतिशत की कमी दर्ज की है। मातृ मृत्यु अनुपात 2011-2013 में 167 से घटकर 2014-2016 में 130 और 2015-17 में 122 हो गई है। 2014-2016 के अंतिम सर्वेक्षण के आंकड़ों के बाद 6.15% की कमी दर्ज की गई।
 
==सन्दर्भ==