"दीक्षाभूमि": अवतरणों में अंतर

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[[File:Twenty-two vows of Buddhism by Dr. Ambedkar at Deekshabhoomi.jpg|thumb|right|दीक्षाभूमी में आंबेडकर द्वारा बौद्धों को दी हुई 22 प्रतिज्ञाएँ|alt=दीक्षाभूमि में बोधि वृक्ष]]
 
'''दीक्षाभूमि''' भारत में [[बौद्ध धर्म]] का एक प्रमुख केंद्र है। यहां बौद्ध धर्म की पुनरूत्थान हुआ है। [[महाराष्ट्र]] राज्य की उपराजधानी [[नागपुर]] शहर में स्थित इस पवित्र स्थान पर [[बोधिसत्त्व]] [[भीमराव रामजी आंबेडकर|डॉ॰ भीमराव आंबेडकर]] जी ने [[१४ अक्टूबर]] [[१९५६]] को पहले महास्थविर चंद्रमणी से बौद्ध धम्म दीक्षा लेकर अपने ५०,००,००० से अधिक अनुयायिओं को [[बौद्ध धर्म]] की दीक्षा दी थी। [[त्रिशरण]], [[पंचशील]] और अपनी '''२२ प्रतिज्ञाएँ''' देकर डॉ॰ आंबेडकर ने हिंदू दलितों का धर्मपरिवर्तन किया। अगले दिन फिर [[१५ अक्टूबर]] को ३,००,००० लोगों को बौद्ध धम्म की दीक्षा दी और स्वयं भी फिर से दीक्षीत हुए। देश तथा विदेश से हर साल यहां २५ लाख से अधिक आंबेडकरवादी और बौद्ध अनुयायी आते हैं। हर साल [[१४ अक्टूबर]] को यहां हजारोंलाखों की संख्या में लोग बौद्ध धर्म परावर्तित होते रहते हैं। यहां [[१४ अक्टूबर]] [[२०१५]] में ५०९००,००० दीक्षीत हुए हैं। [[१४ अक्टूबर]] [[२०१६]] में २०,००० और [[२५ अक्टूबर]] [[२०१६]] को [[मनुस्मृति दहन दिवस]] के उपलक्ष में ५०,००० ओबीसी लोगों ने बौद्ध धर्म की दीक्षा ली है।<ref>[http://www.dalitdastak.com/news/ambedkarite-and-buddhist-people-gathered-in-diksha-bhoomi--2389.html 14 अक्टूबर 2016 को 20,000 लोगों ने ली थी धम्मदीक्षा]</ref><ref>[http://www.dalitdastak.com/news/five-thousand-obc--convert-into-buddhism-2856.html 5000 ओबीसी बने बौद्ध]</ref>
 
[[महाराष्ट्र सरकार]] ने दीक्षाभूमि को 'अ' वर्ग ('ए' क्लास) पर्यटन क्षेत्र का दर्जा दिया है। नागपुर शहर के सभी धार्मिक व पर्यटन क्षेत्रों में यह पहला स्थल है, जिसे 'ए' क्लास का दर्जा हासिल हुआ है।<ref>http://m.bhaskar.com/news/MH-MUM-OMC-deeksha-bhoomi-class-a-tourist-spot-declared-5269136-PHO.html</ref>