"इस्पात निर्माण": अवतरणों में अंतर

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[[Image:Bethlehem Steel.jpg|right|thumb|300px|बेथलहेम स्टील, सन २००३ में बन्द होने के पहले विश्व के सबसे विशाल इस्पात उत्पादक कारखानों में से एक था। यह [[पेन्सिल्वानिया के बेथलहेम नगर में स्थित था।]]
{{उद्धरणहीन|date=मई 2015}}
लौह अयस्क से [[इस्पात]] बनाने की प्रक्रिया का दूसरा चरण '''इस्पात निर्माण''' (Steelmaking) है। कच्चे लोहे से
इस्पात बनाने के लिये कच्चे लोहे में उपस्थित अतिरिक्त कार्बन तथा [[गंधक]], [[फॉस्फोरस]] आदि अशुद्धियों को निकाला जाता है और [[मैगनीज]], [[निकिल]], [[क्रोमियम]] तथा [[वनाडियम]] (vanadium) आदि तत्व मिलाये जाते हैं ताकि वांछित प्रकार का इस्पात बनाया जा सके।
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आधुनिक काल में इस्पात का व्यवसायिक निर्माण [[बेसमेर विधि]] की खोज के बाद शुरु हुआ। बेसमेर विधि से इस्पात का उत्पादन काफी सस्ता हो गया। बाद में [[गिलक्रिस्ट-थोमस विधि]] के आने से बेसमेर विधि में और ज्यादा सुधार हुआ। बाद में [[सीमन-मार्टिन विधि]] की खोज से इस्पात निर्माण और भी सुगम हो गया।
 
[[लोहा]] धरती के गर्भ में स्वतंत्र अवस्था में नहीं पाया जाता है, बल्कि यह ऑक्सीजन और सल्फर के साथ यौगिक अवस्था में पाया जाता है। मूल रूप से लौहे के दो अयस्क होते हैं- हेमाटाइट (एफ2ओ3) और पाइराइट (एफएस2)। हेमाटाइट से लौहे को [[निष्कर्षण]] किया जाता है, जिससे ऑक्सीजन अलग हो जाता है। लौह अयस्क से लोहे को अलग करना लौह निष्कर्षण कहलाता है। लौहे के निष्कर्षण में कार्बन की उपस्थिति में लोहे को गलाया जाता है। इस क्रिया को प्रगलन कहते हैं। शुरु-शुरु में कम गलनांक वाले धातुओं का प्रगलन किया जाता था। तांबे का गलनांक 1000 डिग्री सेल्सिसियस है, जबकि टीन 250 डिग्री सेल्सियस पर पिघल जाता है। कास्ट आयरन का [[गलनांक]] 1370 डिग्री सेल्सियस है। 800 डिग्री सेल्सियस के बाद ऑक्सीकरण दर तेजी से बढ़ जाता है। यही कारण है कि प्रगलन की क्रिया निम्न-ऑक्सीजन वाले वातावरण में करायी जाती है। तांबे और टीन के विपरीत, कार्बन तरह लोहे में आसानी से घुल जाता है। इस तरह से लोहे में कार्बन के मिश्रण से इस्पात बनाया जाता है।
 
[[अयस्क]] (ore) से अधिक से अधिक धातु प्राप्त करने के लिए अवकारक वस्तु, कार्बन, बहुतायत से मिलाई जाती है। कार्बन बाद में इच्छित मात्रा तक आक्सीकरण की क्रिया द्वारा निकाल दिया जाता है। इससे साथ के दूसरे तत्वों का भी, जिनका अवकरण हुआ रहता है और जो आक्सीकरणीय होते हैं, आक्सीकरण हो जाता है।
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* (2) घड़िया विधि (Crucible Process)
 
[[भारत]] का प्रसिद्ध '[[वुत्स' इस्पात]]' (wootz steel) इन्हीं विधियों से बनाया जाता था।
 
=== कार्बधिशोषण विधि ===
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'''स्टील अथॉरिटी ऑफ़ इंडिया''' (SAIL) – 24 जनवरी 1973 ईo को भिलाई, राउलकेला, बर्नपुर, सलेम, बोकारो, दुर्गापुर, विश्वेश्वरैया आयरन एन्ड स्टील कंपनी लिमिटेड को एक कर SAIL की स्थापना की गयी।
 
==व्यापार==
सन २०१८ में विश्व भर में ४५८ मिलियन मेट्रिक टन इस्पात का कारोबार हुआ।<ref>{{Internetquelle |url=https://trademap.org/(X(1)S(3zvgr52l1dlh1p45o5qbljqx))/Country_SelProduct_TS.aspx?nvpm=1%7C%7C%7C%7C%7C72%7C%7C%7C2%7C1%7C1%7C2%7C2%7C1%7C2%7C1%7C1&AspxAutoDetectCookieSupport=1 |titel=Trade Map - List of exporters for the selected product (Iron and steel) |abruf=2020-02-07}}</ref>
 
{| class="wikitable sortable plainrowheads" ;"
|+इस्पात निर्यातक देश (2018)
|-
! scope="col" | #
! scope="col" | देश
! scope="col" | निर्यात (दस लाख मिट्रिक टन में)
 
|-
|1||{{CHN}}||68,8
|-
|2||{{JPN}}||35,8
|-
|3||{{RUS}}||33,3
|-
|4||{{KOR}}||30,0
|-
|5||{{DEU}}||26,0
|-
|6||{{ITA}}||20,6
|-
|7||{{TUR}}||19,2
|-
|8||{{BEL}}||18,0
|-
|9||{{UKR}}||15,1
|-
|10||{{FRA}}||14,4
|}
 
== इन्हें भी देखें ==