"कोरोना वायरस": अवतरणों में अंतर

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[http://www.news60sec.com/desh/newsin60/23967/ कोरोना वाइरस को लेकर दुनिया से सच छिपा रहा चीन?]
 
'''पेइचिंग''' घातक कोरोना वाइरस का सबसे ज्यादा कहर झेल रहे चीन के प्रांत में संक्रमण के पुष्ट मामलों की संख्या में नाटकीय ढंग से गिरावट आई है। ऐसा इसलिए हुआ है कि चीन ने इस महीने में दूसरी बार संक्रमण के मामलों को गिनने के तरीके में बदलाव किया है। ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट के मुताबिक बुधवार को हुबेई में 1700 नए मामलों की पुष्टि हुई थी लेकिन गिनने के तरीके को बदले जाने के बाद गुरुवार को सिर्फ 349 नए मामलों की पुष्टि की गई। इससे अब चीन की तरफ से जारी किए जा रहे आंकड़ों पर संदेह बढ़ता जा रहा है। इससे सवाल उठ रहा है कि क्या चीन दुनिया से सच्चाई छिपाने की कोशिश कर रहा है।
 
'''कहीं यह जताने का पैंतरा तो नहीं कि स्थिति अब काबू में'''
 
कोरोना वाइरस से चीन में अबतक 2000 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। 70 हजार से ज्यादा लोगों में इसके संक्रमण की पुष्टि हो चुकी है। लेकिन अब चीन की तरफ से जारी किए जा रहे आधिकारिक डेटा को लेकर ही संदेह बढ़ने लगा है। हो सकता है कि दुनिया से यह जताने के लिए कि स्थिति अब नियंत्रण में है, चीन मामलों को दबा रहा है। दरअसल, '''कोरोना वाइरस से चीन की अर्थव्यवस्था बुरी तरह प्रभावित हुई है। इका अंदाजा इसी से लगा सकते हैं कि सार्स वाइरस के प्रकोप के वक्त उसकी जीडीपी में एक फीसदी से ज्यादा गिरावट दर्ज हुई थी, जबकि कोरोना सार्स से कई गुना ज्यादा घातक साबित हो रहा है।''' ब्लूमबर्ग ने हुबेई की तरफ से कोरोना वाइरस को लेकर जारी किए गए डेटा पर स्पष्टीकरण मांगा था लेकिन चीन के नैशनल हेल्थ कमिशन और हुबेई के प्रांतीय स्वास्थ्य आयोग ने सवालों के जवाब नहीं दिए।
 
'''नए केसों में अचानक गिरावट का कोई स्पष्टीकरण भी नहीं दिया'''
 
शुरुआत में हुबेई प्रांत में कोरोना वाइरस के संक्रमण के मामलों की पुष्टि के सीटी स्कैन या न्यूक्लिक एसिड टेस्ट का इस्तेमाल हो रहा था। यह व्यवस्था बमुश्किल एक हफ्ते तक ही चली और चीन ने 13 फरवरी को काउंटिंग के तरीके को बदल दिया। उस बदलाव के बाद संक्रमण के कुल केसों में अचानक 45 प्रतिशत का इजाफा हो गया। इसके एक दिन बाद 14 फरवरी को चीन के नैशनल हेल्थ कमिशन ने हुबेई में कोरोना से मौत के आंकड़े में 108 की यह कहते हुए कमी कर दी कि इन्हें 'दो बार गिन लिया गया' था।
 
'''चीन ने खुद जैविक हथियार के तौर पर कोरोना को ईजाद किया?'''
 
सवाल तो यह भी उठ रहे हैं कि क्या चीन ने खुद कोरोना वाइरस को जैविक हथियार के तौर पर ईजाद किया। ऐसे भी दावे किए जा रहे हैं कि में चीनी सेना पीपल्स लिबरेशन आर्मी (PLA)के लैब से यह संक्रमण फैला। हाल ही में ऐसी भी रिपोर्ट्स सामने आई थीं कि कोरोना संक्रमण के मामले हजार नहीं बल्कि लाख में हैं। सैटलाइट इमेज के आधार पर यह भी संकेत मिला कि चीन ने वुहान में बड़े पैमाने पर शवों को जलवाया है। कुछ रिपोर्ट्स में कोराना से हजारों मौत की बात कही गई थी। इसे देखते हुए चीन के आंकड़ों पर संदेह स्वाभाविक है।
 
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'''<u>[http://www.news60sec.com/desh/newsin60/23513/ कोरोना से संक्रमित मरीजों का ह्रदय गति कम होने लगती हैं, रखें ये सब ध्यान]</u>'''
 
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3 .कोरोना से संक्रमित मरीजों का ह्रदय गति कमने लगती हैं। इससे ह्रदय को भी नुकसान पहुंचता हैं। ज्यादातर मौतें ह्रदय में ऑक्सीजन के नहीं पहुंचने और सांस रुकने से होती है। इसलिए सभी व्यक्ति को इन बातों का ध्यान रखना चाहिए और शरीर में किसी प्रकार की परेशानी होने पर तुरंत डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए।
 
 
'''<u>[http://www.news60sec.com/latest-hindi-news/newsin60/23286/ 465 साल पहले की गई थी ‘कोरोना वायरस’ की भविष्यवाणी]</u>'''
 
भविष्य में क्या होना है, ये कोई कह नहीं सकता लेकिन भविष्य को लेकर हमेशा से चर्चा होती रही है। आज से कई सदियों पहले दुनिया के बारे में फ्रांसीसी भविष्यवेत्ता माइकल दि नास्त्रेदमस कई भविष्यवाणी करके गए हैं। उनकी कई भविष्यवाणियां 2020 को लेकर भी की गई है। उनकी भविष्यवाणियों के अनुसार 2020 में दुनिया पर सबसे बड़ा खतरा महामारी का है, जिससे अनगिनत लोगों के मौत के मुंह में जाने की आशंका है। कहा जा रहा है कि नास्त्रेदमस की भविष्यवाणी में जिस महामारी का जिक्र किया गया है, वो महामारी कोई और नहीं बल्कि कोरोना वायरस ही है।
कई ऑनलाइन थियोरिस्ट्स का भी यही कहना है कि माइकल डी नास्त्रेदमस ने 15वीं शताब्दी में की गई भविष्यवाणी में कोरोना वायरस को महामारी बताया गया है। इस बात को इस बात से और भी बल मिलता है कि भविष्यवाणी में जिस शहर में महामारी फैलने का उल्लेख हुआ है, वो विवरण के आधार पर हुबेई प्रांत पूर्वी चीन का ही एक भू-भाग है, इसका मतलब की वो शहर वुहान ही माना जा रहा है। इस शहर में समुद्री जीवों के व्यापार की एक मंडी भी लगती है।
 
कोरोना वायरस ने हिला दी चीन की अर्थव्यवस्था
कौन थे नास्त्रेदमस
माइकल डी नास्त्रेदमस का जन्म 1503 में फ्रांस में हुआ था। इनका परिवार यहूदी था। बाद में कैथलिक धर्म अपना लिया। इनकी लिखी किताब ‘द प्रॉफेसीज’ में दुनिया के बारे में ऐसी भविष्यवाणियां लिखी हुई हैं, जिसकी चर्चा हर साल रहती है। लोग ऐसा मानते हैं कि इनकी लिखी हुई चार-चार लाइनों की कविताओं में दुनिया की सारी बड़ी घटनाओं की भविष्यवाणी छुपी हुई है। मानने वालों के लिए नेपोलियन और फ्रांस की क्रांति से लेकर, कैनेडी की हत्या और वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पर हमला सबकी भविष्यवाणी इसी किताब में लिखी हुई है।
 
 
'''<u>[http://www.news60sec.com/latest-hindi-news/newsin60/22632/ कितने दिन ऐक्टिव रहता है कोरोना वायरस]</u>'''
 
कोरोना वायरस के किसी सतह पर ऐक्टिव रहने की अवधि या फिर उसमें दूसरों को संक्रमित करने की क्षमता जैसे सवालों का सही-सही जवाब तो नहीं मिल पाया है, लेकिन कुछ रिसर्चर को कुछ सुराग तो जरूर मिल रहे हैं।
 
वायरसों का समूह है कोरोना वायरस
 
कोरोना वायरस सामान्यतः जानवरों में पाया जाने वाला वायरसों का एक समूह है। रोग नियंत्रण एवं रोकथाम अमेरिकी केंद्र का कहना है कि कई बार यह वायरस जानवरों से इंसानों में पहुंच जाता है। अधिकारियों को पता नहीं कि चीन के वुहान में कोरोना वायरस के फैलने की शुरुआत किस जानवर से हुई, लेकिन पहले के अध्ययनों में पाया गया था कि लोग ऊंटों के संपर्क में आने के बाद कोरोना वायरस मिडल ईस्ट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम (MERS) से संक्रमित हुए थे। वैज्ञानिकों का मानना है कि सिवियर ऐक्यूट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम (SARS) का संक्रमण छोटी बिल्लियों से हुआ था।
 
कोरोना के जिंदा रहने की अवधि
 
इंसानों में आए MERS और SARS जैसे कोरोना वयारस निर्जीव पदार्थों की सतह पर पाए गए थे जिनमें धातु, कांच या प्लास्टिक आदि शामिल हैं। इस महीने द जर्नल ऑफ हॉस्पिटल इन्फेक्शन में प्रकाशित एक रिसर्च के मुताबिक, MERS और SARS वायरस इन वस्तुओं की सतह पर नौ दिनों तक जिंदा रह सकते हैं। रिसर्च के मुताबिक, घरों में पड़े रोजमर्रा की जरूरत के सामानों को धोते रहने से वायरस के खतरे से बचा जा सकता है।
 
घर के सामानों की ऐसे करें सफाई
 
रिसर्च में बताया गया है कि जानवरों से इंसानों में आ सकने वाले कोरोना वायरस को किसी भी सतह से एक मिनट में हटाया जा सकता है। इसके लिए 62% से 71% एथनॉल, 0.5% हाइड्रोजन पेरॉक्साइड या 0.1% सोडियम हाइपोक्लोराइट या ब्लीच का इस्तेमाल करना चाहिए।
 
 
'''<u>[http://www.news60sec.com/latest-hindi-news/newsin60/22061/ कोरोना वायरस ने हिला दी चीन की अर्थव्यवस्था]</u>'''
 
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== खर्च करने पड़े 80.55 अरब युआन ==
सारी दुनिया में अपने पाँव पसार रहे कोरोना वायरस ने चीनी सरकार की कमर ही तोड़ दी है. कोरोना वायरस से निपटने के लिए चीनी सरकार को अपनी जेब ढीली करते हुए 80.55 अरब युआन का खर्चा कर दिया है. आपको बता दें की 13 फरवरी तक चीन के विभिन्न जगहों के संबंधित विभागों ने कुल 80.55 अरब चीनी युआन  का योगदान दिया है जिससे महामारी की रोकथाम की जा सके.
 
= चीन ने कोरोना को रोकने के लिए लगाया पूरा जोर- =
चीन में फैले कोरोना वायरस के प्रकोप के बाद यहाँ की विभिन्न सरकारी विभागों ने आर्थिक मदद के लिए धन मुहैया कराना शुरू कर दिया है. जिससे इस महामारी की रोकथाम की जा सके. चीनी वित्त मंत्रालय के महामारी कार्य नेतृत्व दल के प्रभारी फू चिनलिन ने चीनी राज्य परिषद की एक न्यूज ब्रीफिंग में कहा कि हाल में चीन की केंद्र सरकार ने 17.29 अरब चीनी युआन हुबेई प्रांत और देश के विभिन्न स्थलों की महामारी रोकथाम, हुबेई प्रांत की केंद्रीय बुनियादी संरचनाओं के निवेश में इस्तेमाल किया है.
 
चीन के हुबेई नेता को बदलना क्यों था जरुरी-
 
कम्युनिस्ट सत्ता वाले चीन में कोरोना वायरस फैलने के बाद हुबेई के नेता को तत्काल बदल दिया गया, लेकिन ऐसा क्यों हुआ इसका अभी कोई खुलासा नहीं हो पाया है. चीन में भ्रष्टाचार के लिए फिलहाल कड़ी सजा का प्रावधान है लेकिन इस नेता को कोई भी सजा न मिलना कई सवाल खड़े करता है.