"सर्वोदय": अवतरणों में अंतर
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== [[पूँजीवाद]], [[साम्यवाद]] और सर्वोदय ==
इस समय संसार में उत्पादन के साधनों के स्वामित्व की दो पद्धतियों प्रचलित हैं - निजी स्वामित्व (प्राइवेट ओनरशिप) और सरकार स्वामित्व (स्टेट ओनरशिप)। निजी स्वामित्व पूँजीवाद है, सरकार स्वामित्व साम्यवाद। पूँजीवाद में शोषण है, साम्यवाद में दमन। भारत की परंपरा, उसकी प्रतिभा और उसकी परिस्थिति, तीनों की माँग है कि वह राजनीतिक और आर्थिक संगठन की कोई तीसरी ही पद्धति विकसित करे, जिससे पूँजीवाद के "निजी अभिक्रम" और साम्यवाद के "सामूहिक हित" का लाभ तो मिल जाए, किंतु उनके दोषों से बचा जा सके। गांधी जी की "ट्रस्टीशिप" और "ग्रामस्वराज्य" की कल्पना और विनोबा की इस कल्पना पर आधारित "ग्रामदान-ग्राम स्वराज्य" की विस्तृत योजना में, दोनों के दोषों का परिहार और गुणों का उपयोग किया गया है। यहाँ स्वामित्व न निजी है, न सरकार का, बल्कि गाँव का है, जो स्वायत्त है। इस तरह सर्वोदय की यह क्रांति एक नई व्यवस्था संसार के सामने प्रस्तुत कर रही है।
[[श्रेणी:विकास]]
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