"स्कन्दगुप्त": अवतरणों में अंतर

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यद्यपि स्कन्दगुप्त का शासन काल महान संक्रान्ति का युग रहा था और उसे दीर्घकाल तक उन संकटों से जूझना पड़ा| हमे ज्ञात होता है कि अपने सिंहासनारोहण के शीघ्रबाद उसने योग्य प्रान्तपतियो को नियुक्त कि जुनागढ अभिलेख से पता चलता है कि सौराष्ट्र प्रांत का शासक चुनने के लिए अनेक दिन रात उसने चिंता में बिताई अन्त में पर्न दत्त को वहाँ का गोप्ता नियुक्त किया तब उसके हृदय को शान्ति मिली एक लेखक लिखता है कि उशने शासन काल में न तो कोइ विद्रोह हुआ न कोइ बेघर हुआ।
 
[[सुदर्शन झील]] का निर्माण - स्कन्दगुप्त के शासन काल की सबसे मह्त्वपूर्ण घटना सुदर्शन झील के बांध को बनवाना था इस झील का इतिहास बहुत पुराना है सर्वप्रथम च्हन्द्रगुप्तचन्द्रगुप्त ने एअक पर्वर्ति नदी के जल को रोककर इस झील का निर्मान लोकहित केद्रिस्ति से बनवाया बाद में सम्राट अशोक ने सिच्हाइ के लिये उसमे से नहर निकालि एअक बार १५० इस्विई. में बान्ध टूट गयागया। तवतब रुद्रदामन ने ब्यक्तिगत कशकोश से उसका जिर्नोधारजिर्णोद्धार करवाया थाथा। ४५६ इस्विई. में उस झिलझील का बाधबांध फिर टूट गया जिससे सोरास्त्रसौराष्ट्र के लोगो कोकष्ट बनाका सामना करना कस्तपड़ा होना पना!तब स्कन्दगुप्त ने अपने कोश से अपार धन राशि उथाव्यय कर पुन्हपुनः निर्माननिर्माण करवाया इस निवर्वाननिर्माण क्ेके फलस्वरुपसाथ उसने उसी जगह विष्णुजी का एक मन्दिर बनवाया दुर्भाग्य से वह झील तथा मन्दिर वर्तमान में अवस्थित नहीं हैहै। स्कन्दगुप्त सिच्हाइसिंचाई के साधनों का पूरा ख्याल रखता था।
 
== धर्म ==