"सादड़ी": अवतरणों में अंतर
Content deleted Content added
→इतिहास: सम्पूर्ण जानकारी टैग: मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन |
→इतिहास: Just edit टैग: मोबाइल संपादन मोबाइल वेब संपादन |
||
पंक्ति 32:
उस दानवीर की यश गाथा को, मेट सका क्या काल भला॥
सादड़ी इतिहास में एक बहुत ही महत्वपूर्ण नगर रहा है यहां पर राजस्थान के अमरनाथ कहलाने वाले *परशुराम महादेवजी* का मंदिर है यहां पर श्रावण शुक्ला षष्ठी को प्रतिवर्ष मेला लगता है जिसमें राजस्थान के तमाम भजन गायक अपनी हाजिरी प्रस्तुत करते
सादड़ी वर्तमान पाली जिले जोधपुर संभाग में स्थित है लेकिन रियासत काल में यह मेवाड़ रियासत के अंदर था
महाराणा प्रताप को धन भेंट करने वाले दानवीर भामाशाह की यह जन्म भूमि भी है भामाशाह के पिता जी भारमल और उनके बड़े भाई ताराचंद जी कावेडिया थे ताराचंद जी की और भामाशाह की यहां पर बावड़ी बनी हुई है ऐसा कहा जाता है कि वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप को इन्होंने इनकी पूरी निजी संपत्ति दे दी थी इसलिए सादडी को साहूकारों की सादड़ी भी कहते हैं|
|