अफगानिस्तान में पाकिस्तान तालिबान का साथ दे रहा है तालिबान एक आतंकवादी संगठन है जिसका भारत हमेशा से ही विरोध करता रहा है 29 फरवरी को अमेरिका और तालिबान के बीच शांति वार्ता होने जा रही है जिस पर अमेरिका और तालिबान शांति वार्ता पर हस्ताक्षर करेगा जिससे भारत की भविष्य में मुश्किलें बढ़ने वाली है क्योंकि भारत हमेशा से ही तालिबान का विरोधी रहा है और तालिबान को पाकिस्तान हमेशा ही सपोर्ट करता रहा है इसका प्रभाव विश्व की वैश्विक शक्ति पर भी पड़ेगा तथा क्षेत्रीय अशांति बढ़ेगी अब भारतीय सेना का जम्मू-कश्मीर में और भी मुश्किल काम हो गया है तालिबान क्या है कि अमेरिकी सरकार ने हाथ खड़े कर दिए हैं डोनाल्ड ट्रंप अफगानिस्तान से भागना चाहता है तथा अमेरिका ने तालिबान के आगे सिलेंडर कर दिया है