"कच्छभूमि": अवतरणों में अंतर

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[[File:Wye Marsh panorama1.jpg|thumb|260px|नदी के किनारे कच्छभूमि]]
[[File:Deer Sudarnakhali Sundarbans.JPG|thumb|260px|[[भारत]] का [[सुन्दरवन]]। यह कच्छभूमि, [[दलदल]] और [[वन]] का मिश्रण है।]]
'''कच्छभूमि''' (marsh) ऐसी [[आर्द्रभूमि]] होती है जहाँ ऊँचे वनस्पति कम पाये जाते हों, यानि [[काष्ठीय पौधा|काष्ठीय पौधों]] की बजाय [[घास]] जैसे छोटे पौधों का बाहुल्य हो। कच्छभूमियाँ अक्सर [[झीलोंझील]]ों और [[नदी|नदियों]] के तटों पर मिलते हैं, जहाँ यह थलीय और जलीय [[पारितंत्र|परितंत्रों]] के बीच का स्थान लेते हैं। कच्छभूमि क्षेत्रों में यदि काष्ठीय पौधे हो भी तो वे अधिकतर छोटे कद के [[क्षुप]] होते हैं।
 
== दलदल और चोर बालू से अंतर ==
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== भारत में ==
[[भारत]] में स्थाई कच्छभूमि के प्रमुख उदाहरण हैं [[उत्तर प्रदेश]] के [[तराई क्षेत्र|तराई]] के कच्छभूमि तथा [[पश्चिम बंगाल]] के [[सुन्दरवन]]। [[असम]] में [[काज़ीरंगा राष्ट्रीय उद्यान]] मौसमी कच्छभूमि बन जाता है जब [[ब्रह्मपुत्र नदी|ब्रह्मपुत्र]] नदी में बाढ़ आ जाती है। कच्छभूमि का पानी स्वच्छ या मीठा हो सकता है जैसे तराई का, या वहाँ का पानी खारा हो सकता है जैसे सुन्दरवन का क्योंकि सुन्दरवन समुद्र के किनारे स्थित होने के कारण वहाँ समुद्र का पानी होना स्वाभाविक है। कच्छभूमि में पानी की बहुतायत की वजह से कुछ विशेष प्रकार की वनस्पती ही उग सकती है, जिसने अपने आप को उस माहौल में ढाल लिया हो। इसी प्रकार कुछ विशेष प्राणी ही वहाँ जीवित रह सकते हैं, क्योंकि जीवित रहने के लिए वहाँ की परिस्थितियाँ बहुत विषम होती हैं।
मीठे पानी वाले कच्छभूमि में [[सरकण्डा]] नामक घास प्रचुर मात्रा में उगती है। यह घास बहुत ऊँची होती है और मृग की प्रजाति के पशुओं को [[परभक्षी|परभक्षियों]] से छिपने में मदद करती है। वहीं दूसरी ओर खारे पानी के कच्छभूमि में ज़्यादातर [[मैन्ग्रोव]] वन ही देखने को मिलते हैं।