"अजीव": अवतरणों में अंतर
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=== पुद्ग़लास्तिकाय ===
पुद्ग़ल शब्द दो शब्दों के मेल से बना हैं: पुद् यानि की एकीकरण और गल यानि की विभाजन। जिसका निरंतर एकीकरण और विभाजन होता हैं उससे पुद्ग़ल कहते हैं। अंग्रेजी भाषा में इसे मैटर (matter) कहते हैं। जैन ग्रंथों में पुद्ग़ल की निम्नलिखित विशेषताएं बताई गयीं हैं<ref>"Sparsharasagandhavarnavantah pudgalah" - [[उमास्वामी|आचार्य उमास्वामी]], [[तत्त्वार्थ सूत्र]], v.23</ref> :-
*स्पर्श (स्पर्श किया जा सकता हैं)।
*रस (स्वाद लिया जा सकता हैं)।
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