"अतियथार्थवाद": अवतरणों में अंतर
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[[चित्र:The Elephant Celebes.jpg|right|300px|thumb|मैक्स अर्न्स्ट की रचना - 'द एलिफैण्ट सेलिबिस' (सन् १९२१)]]
'''अतियथार्थवाद''' (सर्रियलिज्म / Surrealism), [[कला]] और [[साहित्य]] के क्षेत्र में [[पहला विश्व युद्ध|प्रथम महायुद्ध]] के लगभग प्रचलित होने वाली [[शैलीविज्ञान|शैली]] और [[आंदोलन]] था। चित्रण और मूर्तिकला में तो (चित्रपट के चित्रों में भी) यह आधुनिकतम शैली और तकनीक हैं। इसके प्रचारकों और कलाकारों में चिरिको, दालों, मोरो, आर्प, ब्रेतों, मासं आदि प्रधान हैं। कला में इस सृष्टि का दार्शनिक निरूपण 1924 में [[आंद्रे ब्रेतों]] ने अपनी अतियथार्थवादी घोषणा (सर्रियलिस्ट मैनिफेस्टो) में किया। अतियथार्थवाद कला की, सामाजिक यथार्थवाद के अतिरिक्त, नवीनतम शैली है और इधर, मनोविज्ञान की प्रगति से प्रभावित, प्रभूत लोकप्रिय हुई है।
== परिचय ==
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