"अनंत": अवतरणों में अंतर
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'''अनंत''' (Infinity) का अर्थ होता है जिसका कोई अंत न हो। इसको '''∞''' से निरूपित करते हैं। यह [[गणित]] और [[दर्शनशास्त्र|दर्शन]] में एक [[कांसेप्ट]] है जो ऐसी राशि को कहते हैं जिसकी कोई सीमा न हो या अन्त न हो। भूतकाल में लोगों ने अनन्त के बारे में तरह-तरह के विचार व्यक्त किये हैं। चूँकि 1/0=अनंत होता है तब हम कह सकते हैं कि 0*अनंत=1 है
अनंत शब्द का अंग्रेजी पर्याय "इनफिनिटी" लैटिन भाषा के 'इन्' (अन्) और 'फिनिस' (अंत) की संधि है। यह शब्द उन राशियों के लिए प्रयुक्त किया जाता है जिनकी माप अथवा गणना उनके परिमित न रहने के कारण असंभव है। अपरिमित सरल रेखा की लंबाई सीमाविहीन और इसलिए अनंत होती है।
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==प्राचीन भारतीय ग्रन्थों में अनन्त==
लगता है कि भारतीयों को अनन्त की संकल्पना [[वैदिक सभ्यता|वैदिक काल]] से ही थी। वे अनन्त के मूलभूत गुणों के परिचित थे तथा इसके लिये कैइ शब्दों का प्रयोग किया गया है, यथा - अनन्त, पूर्णं , अदिति, असंख्यत आदि। असंख्यत का उल्लेख [[यजुर्वेद]] में आया है।
[[ईशावास्य उपनिषद्|ईशोपनिषद]] में यह आया है-
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