"अनुप्रास": अवतरणों में अंतर
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मुद मंगलमय संत समाजू। जो जग जंगम तीरथराजू॥
'''[[वृत्यानुप्रास]]'''ː जब एक ही [[वर्ण (बहुविकल्पी शब्द)|वर्ण]] की [[आवृत्ति]] अनेक बार होती है तो [[वृत्यानुप्रास]] होता है। उदाहरण -
काम कोह कलिमल करिगन के।
'''[[अनुप्रास|लाटानुप्रास]]'''ː जब एक [[शब्द]] या [[वाक्यखण्ड]] की [[आवृत्ति]] होती है तो [[अनुप्रास|लाटानुप्रास]] होता है। उदाहरण -
वही मनुष्य है, जो मनुष्य के लिये मरे।
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