"अन्त:पुर": अवतरणों में अंतर

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[[चित्र:Mughal Interiors from the book of Le Costume Historique c. 1876.jpg|thumb|Mughal Interiors from the book of Le Costume Historique c. 1876]]
प्राचीन काल में [[हिन्दू धर्म|हिंदू]] राजाओं का रनिवास '''अंतःपुर''' कहलाता था। यही [[मुग़ल साम्राज्य|मुगलों]] के जमाने में 'जनानखाना' या 'हरम' कहलाया।
 
अंतःपुर के अन्य नाम भी थे जो साधारणतः उसके पर्याय की तरह प्रयुक्त होते थे, यथा- शुद्धांत और अवरोध। शुद्धांत शब्द से प्रकट है कि राजप्रासाद के उस भाग को, जिसमें नारियाँ रहती थीं, बड़ा पवित्र माना जाता था। दांपत्य वातावरण को आचरण की दृष्टि से नितांत शुद्ध रखने की परंपरा ने ही निःसंदेह अंतःपुर को यह विशिष्ट संज्ञा दी थी। उसके शुद्धांत नाम को सार्थक करने के लिए महल के उस भाग को बाहरी लोगों के प्रवेश से मुक्त रखते थे। उस भाग के अवरुद्ध होने के कारण अंतःपुर का यह तीसरा नाम अवरोध पड़ा था। अवरोध के अनेक रक्षक होते थे जिन्हें प्रतीहारी या प्रतीहाररक्षक कहते थे।