"संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद": अवतरणों में अंतर

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उत्तरदायित्व है अंतर्राष्ट्रीय शांति और सुरक्षा बनाए रखना। परिषद को अनिवार्य निर्णयों को घोषित करने का अधिकार भी है। ऐसे किसी निर्णय को [[संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद प्रस्ताव]] कहा जाता है।इसे विश्व का सिपाही भी कहते है क्योंकि वैश्विक शांति और सुरक्षा की जिममेदारी इसी के पास में है
 
सुरक्षा परिषद में 15 सदस्य है ः पांच स्थाई और दस अल्पकालिक (प्रत्येक 2 वर्ष के लिए). पांच स्थाई सदस्य हैं [[चीन]], [[फ़्रान्स|फ़्रांस]], [[रूस]], [[ग्रेट ब्रिटेन]] और [[संयुक्त राज्य अमेरिका ]]। इन पांच देशो को कार्यविधि मामलों में तो नहीं पर विधिवत मामलों में प्रतिनिषेध शक्ति है। बाकी के दस सदस्य क्षेत्रीय आधार के अनुसार दो साल की अवधि के लिए [[संयुक्त राष्ट्र महासभा|सामान्य सभा]] द्वारा चुने जाते है। सुरक्षा परिषद का अध्यक्ष हर महीने वर्णमालानुसार बदलता है। संयुक्त राष्ट्र संघ के छह अंग होते हैं 1.सुरक्षा परिषद् 2.अंतर्राष्ट्रीय न्यायालय 3.महासभा 4.सचिवालय 5.आर्थिक और सामाजिक परिषद् 6.न्यायसिता परिषद्
 
== सदस्य ==
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अंतर्राष्ट्रीय कानून द्वारा केवल सुरक्षा परिषद के पांच स्थाई सदस्यों की नाभिकीय योग्यताएं अनुमोदित हैं। इन सदस्यों को प्रतिनिषेध शक्ति भी दी गई है ः इसका मतलब है कि सुरक्षा परिषद के बहुमत द्वारा स्वीकृत कोई भी प्रस्ताव इन पांच में से किसी भी एक के असहमत होने पर उस प्रस्ताव का पारण रोका जा सक्ता है।
 
सुरक्षा परिषद के बाकी के दस सदस्य दो साल की अवधि के लिए चुने जाते है। हर साल इन दस में से पांच चुने जाते है। यह चुनाव क्षेत्रीय आधार पर होते है। [[अफ़्रीका|अफ्ररीकी]] गुट तीन सदस्य चुनता है। [[जंबूद्वीपएशिया|जंबूद्वीपीय]] गुट, [[पश्चिम यूरोप|पश्चिम यूरोपीय]] गुट और लैटिन अमेरिका व कैरिबियन गुट सब दो सदस्य चुनते हैं। [[पूर्वी यूरोप|पूर्वी यूरोपीय]] गुट एक सदस्य चुनता है। इनमें से किसी एक सदस्य का अरब होना भी अवश्यक है।
 
सुरक्षा परिषद के स्थाई सदस्यों की संख्या को बढाने के बारें में काफ़ी विवाद है। विशिष्ट है चार राष्ट्र ([[ब्राज़ील]], [[भारत]], [[जर्मनी]] और [[जापान]]) जिनको G4 कहा जाता है (अंरेज़ी का समूह)। जापान और जर्मनी संयुक्त राष्ट्र की काफ़ी आर्थिक सहायता करते हैं और ब्राज़ील तथा भारत जनसंख्या में बड़े होने के कारण संयुक्त राष्ट्र के विश्वशांति के लक्ष्य के लिए सैन्य-दल के सबसे बड़े योगदान करनेवालों में से हैं। 21 सितंबर 2004 को, G4 राष्ट्रों ने स्थाई सदस्य बनने के बारें में आपसी समर्थन घोषित किया। यूनाइटेड किंगडम और फ़्रांस ने भी इस घोषणा को स्वीकार किया है। पारण के लिए 128 मतों की जरूरत है।