"तिरुचिरापल्ली": अवतरणों में अंतर

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'''तिरुचिरापल्ली'''(त्रिचि/तिरुची [[तमिल भाषा|तमिल]]:தி௫ச்சிராப்பள்ளி/தி௫ச்சி) [[भारत]] के [[तमिल नाडु|तमिलनाडु]] प्रान्त का एक शहर है। प्राचीन काल में [[चोल राजवंश|चोल साम्राज्‍य]] का एक महत्‍वपूर्ण हिस्‍सा रहा तिरूचिरापल्‍ली वर्तमान में तमिलनाडु राज्य का एक जिला है। तिरूचिरापल्ली जिले का मुख्यालय चिरूचिलापल्ली शहर है। यह स्थान [[तिरुचिरापल्ली|त्रिची]] के नाम से भी से प्रसिद्ध है। यह शहर [[कावेरी नदी]] के तट पर बसा हुआ है। यह स्थान विशेष रूप से विभिन्न मंदिरों जैसे श्री रंगानाथस्वामी मंदिर, श्री जम्बूकेश्‍वरा मंदिर और वरैयूर आदि के लिए प्रसिद्ध है। शहर के मध्य से [[कावेरी नदी|कावेरी]] नदी गुजरती है।
 
== भूगोल ==
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== इतिहास ==
वर्तमान समय में तिरूचिरापल्ली का एक महत्‍वपूर्ण हिस्सा वरैयूर है, 3000 ई. पूर्व यह चोल साम्राज्‍य की राजधानी था। तिरूचिरापल्ली में कुछ समय तक मुगल शासकों ने भी राज किया। इसके पश्चात् इस पर [[विजयनगर]] के शासकों ने कब्जा किया। विजयनगर के शासकों के राज्यपाल ने इस क्षेत्र में 1736 ई. तक शासन किया। इनका नाम विश्वनाथ नायक था। इन्होंने उस समय तिप्पकुलम और किले का निर्माण करवाया था। बाद में यह [[नायक वंश]] के अधीन आया। इसके कुछ वर्षो के बाद तिरूचिरापल्ली पर चांद साहिब और मोहम्मद अली ने शासन किया। आखिर में यह स्‍थान अंग्रेजों के हाथों में चला गया। जल्द ही यह क्षेत्र [[ईस्ट इण्डिया कम्पनी|ईस्ट इंडिया कम्पनी]] को दे दिया गया। यह क्षेत्र कर्नाटक युद्ध की पूर्वसंध्या पर एक समझौते के तहत ईस्ट इंडिया कम्पनी को दिया गया था। यह जिला ब्रिटिशों के अधीन लगभग 150 वर्षो तक रहा।
 
== जनसांख्यिकी ==