"महिला": अवतरणों में अंतर

rm link spam
छो बॉट: पुनर्प्रेषण ठीक कर रहा है
पंक्ति 6:
|caption = बाएँ से दाएँ: {{flatlist|
*  [[शबा की रानी]]
* [[शुक्र|वीनस]]
* [[जोन ऑफ़ आर्क]]
* [[एवा पेरोन]]
* [[मेरी क्युरी|मैरी क्यूरी]]
* [[इन्दिरा गांधी|इंदिरा गांधी]]
* [[विलेन्डोर्फ़ की वीनस]]
* [[वंगारी मथाई]]
पंक्ति 27:
}}}}
 
'''महिला''' ('''स्त्री''', '''औरत''' या '''नारी''') [[होमो सेपियन्स|मानव]] के मादा स्वरूप को कहते हैं, जो स्त्रीलिंग है। महिला शब्द मुख्यत: वयस्क स्त्रियों के लिए इस्तेमाल किया जाता है। किन्तु कई संदर्भो में यह शब्द संपूर्ण स्त्री वर्ग को दर्शाने के लिए भी प्रयोग मे लाया जाता है, जैसे: नारी-अधिकार। आम आनुवांशिक विकास वाली महिला आमतौर पर [[रजोनिवृत्ति]] तक यौवन से जन्म देने में सक्षम होती हैं। भारत की महिलायों के लिए सफ़ल होनें के आसान तरीके।
 
== विभिन्न संस्कृतियों मे नारी ==
पंक्ति 36:
 
=====वेदों की २१ प्रकाण्ड विदुषियाँ=====
'''देवमाता अदिति''' चारों वेदों की प्रकाण्ड विदुषि थी। ये [[दक्ष प्रजापति]] की कन्या एवं [[कश्यप|महर्षि कश्यप]] की पत्नी थीं। इन्होंने अपने पुत्र इन्द्र को वेदों एवं शास्त्रों की इतनी अच्छी शिक्षा दी कि उस ज्ञान की तुलना किसी से सम्भव नहीं थी, यही कारण है कि इन्द्र अपने ज्ञान के बल पर तीनों लोकों का अधिपति बना। अदिति को अजर-अमर माना जाता है।
 
'''देवसम्राज्ञी शची''' इन्द्र की पत्नी थीं, वे वेदों की प्रकांड विद्वान थी। ऋग्वेद के कई सूक्तों पर शची ने अनुसन्धान किया। शचीदेवी पतिव्रता स्त्रियों में श्रेष्ठ मानी जाती हैं। शची को इंद्राणी भी कहा जाता है। ये विदुषी के साथ-साथ महान नीतिवान भी थी। इन्होंने अपने पति द्वारा खोया गया सम्राज्य एवं पद प्रतिष्ठा ज्ञान के बल पर ही दोबारा प्राप्त की थी।
पंक्ति 46:
'''सन्ध्या''' वेदों की प्रकाण्ड विद्वान थीं। इन्होंने महर्षि मेधातिथि को [[शास्त्रार्थ]] में पराजित किया। वे यज्ञ को सम्पन्न कराने वाली पहली महिला पुरोहित थी। उन्हीं के नाम पर प्रातः संध्या और सायं सन्ध्या का नामकरण हुआ।
 
'''विदुषी अरून्धती''' ब्रहर्षि [[वशिष्ठ|वसिष्ठ]] जी की धर्मपत्नी थीं। ये भी वेदों की प्रकाण्ड विद्वान थी। अपने ज्ञान के बल पर ही ये एकमात्र ऐसी विदुषी हैं, जिन्होंने [[सप्तर्षि तारामंडल|सप्तर्षि मंडल]] में ऋषि पत्नी के रूप में गौरवशाली स्थान पाया। [[महर्षि मेधातिथि]] के यज्ञ में ये बचपन से ही भाग लेती थीं और यज्ञ के बाद वेदों की बातों पर तर्क-वितर्क किया करती थी।
 
'''ब्रह्मवादिनी घोषा''' [[काक्षीवान्]] की कन्या थीं। इनको [[कुष्ठरोग|कोढ़]] रोग हो गया था, लेकिन उसकी चिकित्सा के लिए इन्होंने वेद और [[आयुर्वेद]] का गहन अध्ययन किया और ये कोढी होते हुए भी विदुषी और ब्रह्मवादिनी बन गई। [[अश्विनीकुमार (पौराणिक पात्र)|अश्विनकुमारों]] ने इनकी चिकित्सा की और ये अपने काल की विश्वसुन्दरी भी बनी।
 
'''ब्रह्मवादिनी विश्ववारा''' वेदों पर अनुसन्धान करने वाली महान विदुषी थीं। ऋग्वेद के पांचवें मण्डल के द्वितीय अनुवाक के अटठाइसवें सूक्त षड्ऋकों का सरल रूपान्तरण इन्होंने ही किया था। अत्रि महर्षि के वंश में पैदा होने वली इस विदुषी ने वेदज्ञान के बल पर ऋषि पद प्राप्त किया था।
 
'''ब्रह्मवादिनी अपाला''' भी अत्रि मुनि के वंश में ही उत्पन्न हुई थीं। अपाला को भी कुष्ठ रोग हो गया था, जिसके कारण इनके पति ने इन्हें घर से निकाल दिया था। ये पिता के घर चली गई और आयुर्वेद पर अनुसंधान करने लगी। [[सोमरससोम]]रस की खोज इन्होंने ही की थी। [[इन्द्र]] देव ने सोमरस इनसे प्राप्त कर इनके ठीक होने में चिकित्सीय सहायता की। आयुर्वेद चिकित्सा से ये विश्वसुंदरी बन गई और वेदों के अनुसंधान में संलग्न हो गईं। ऋग्वेद के अष्टम मंडल के ९१वें सूक्त की १ से ७ तक [[ऋचा]]एं इन्होंने संकलित कीं।
 
'''विदुषी तपती''' आदित्य की पुत्री और सावित्री की छोटी बहन थी। देवलोक, दैत्यलोक, गान्धर्वलोक और नागलोक में उन दिनों उनसे अधिक सुन्दरी कोई और नहीं थी। वे वेदों की भी प्रकाण्ड विद्वान थी। उनके रूप और गुणों से प्रभावित होकर ही [[अयोध्या]] के महाराजा [[संवरण]] ने उनसे [[विवाह]] किया था। तपती ने अपने पुत्र कुरु को स्वयं वेदों की शिक्षा दी, जिनके नाम पर [[कुरूकुल]] प्रतिष्ठित हुआ।
पंक्ति 79:
 
====मध्य काल====
मध्य काल में भारतीय नारी की स्थिति में कुछ गिरावट आ गई थी। परम्परागत तौर पर [[मध्यम वर्ग|मध्य वर्ग]] में नारी की भूमिका घरेलू कामों से जुडी़ रहती थी जैसे कि बच्चों की देखभाल करना और ज़्यादातर औरतें पैसे कमाने नहीं जाती थीं। मध्यम वर्ग में धन की कमी की वजह से नारी को काम / मजदूरी भी करनी पड़ती थी, हालांकि औरतों को दिये जाने वाले काम हमेशा मर्दों को दिये जाने वाले कामों से प्रतिष्ठा और पैसों दोनो में छोटे होते थे।
 
====आधुनिक भारतीय नारी====
शिक्षा और तकनीकी प्रचार प्रसार के फलस्वरूप अब भारतीय नारी की स्थिति में सुधार आया है तथा वह अब पुरुषों से काम नहीं हैं। कुछ महान भारतीय नारियों उदाहरण हैं :-
 
* [[इन्दिरा गांधी|इन्दिरा गाँधी]] - भारत की पूर्व प्रधानमंत्री
 
* [[कल्पना चावला]] - अंतरिक्ष वैज्ञानिक और अंतरिक्ष में जाने वाली प्रथम भारतीय महिला
पंक्ति 94:
* [[किरण बेदी]] - भारतीय पुलिस सेवा (इंडियन पुलिस सर्विस) में भर्ती होने वाली प्रथम महिला
 
* न्यायमूर्ति [[एम॰ फातिमा बीबी|एम. फातिमा बीवी]] - भारत के उच्चतम न्यायालय की पहली महिला जज
 
* [[पुनीता अरोड़ा]] - भारतीय थलसेना में लेफ्टिनेंट जनरल के पद तक पहुँचने वाली प्रथम भारतीय महिला
पंक्ति 100:
* [[मीरा कुमार]] - भारतीय संसद के निचले सदन, लोक सभा की पहली महिला अध्यक्ष
 
* [[एनी बेसेन्ट|एनी बेसेंट]] - भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की पहली महिला अध्यक्ष
 
==सन्दर्भ ==
"https://hi.wikipedia.org/wiki/महिला" से प्राप्त