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जर्मन खगोलविद [[योहानेस केप्लर|केप्लर]] ने ग्रहों की गति का अध्ययन करके तीन नियम दिये।
 
'''केप्लर का प्रथम नियम''': (कक्षाओं का नियम) -सभी ग्रह [[सूर्य]] के चारों ओर [[दीर्घवृत्त|दीर्घवृत्ताकार]] कक्षाओं मे चक्कर लगतेलगाते हैं तथा सूर्य उन कक्षाओं के [[फोकस]] पर होता है।
 
'''द्वितीय नियम''' - किसी भी ग्रह को सूर्य से मिलाने वाली रेखा समान समय मे समान क्षेत्रफल पार करती है। अर्थात प्रत्येक ग्रह की क्षेत्रीय चाल (एरियल वेलासिटी) नियत रहती है। अर्थात जब ग्रह सूर्य से दूर होता है तो उसकी चाल कम हो जाती है।
 
'''तृतीय नियम''' : (परिक्रमण काल का नियम)- प्रत्येक ग्रह का सूर्य का परिक्रमण काल का वर्ग उसकी दीर्घ वृत्ताकार कक्षा की अर्ध-दीर्घ अक्ष की तृतीय घात के समानुपाती होता है।