"अयुध्या राज्य": अवतरणों में अंतर
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[[चित्र:Ayutthaya Map in 1605.gif|right|thumb|200px|सन् १६०५ में अयुध्या राज्य अपने चरमोत्कर्ष पर था]]
[[चित्र:Ayutthaya 3 pagodas 01.jpg|right|thumb|200px|वाट फ्रा श्री संफेत के भग्नावशेष]]
'''अयुध्या''' या '''अयुथिया''' ([[थाई भाषा]]: อาณาจักรอยุธยา, RTGS: अणाचक आयुध्या) १३५० ई. से १९६७ ई. तक [[थाईलैण्ड|स्याम]] की [[राजधानी]] था। वह [[मिनाम चो फिया]] तथा [[लोयबरी]] नदियों के संगम पर एक द्वीप में [[बैंकॉक|बैंकाक]] से ४२ मील की दूरी पर स्थित है। परंतु इस समय यहाँ के अधिकांश मनुष्य इस द्वीप के समीप [[मिनाम चो फिया नदी]] के किनारे रेलमार्ग के समीप निवास करते हैं। इस नगर का विध्वंस १५५५ में और फिर १७६७ ई. में [[
आयूथिया विश्व के एक महत्वपूर्ण [[चावल]] निर्यातक क्षेत्र के मध्य में स्थित है। यहाँ ५० इंच वार्षिक वर्षा होती है, जो चावल की उपज के लिए पूर्णत: अनुकूल है। आयूथिया का 'चंगवत' (प्रांत) स्याम के कुल ७० चंगवतों में चावल के उत्पादन में प्रथम है। यहाँ का मत्स्य उद्योग भी महत्वपूर्ण है। यहाँ स्थित सैकड़ों नहरें यातायात के मुख्य साधन हैं। बहुत से नौकाओं पर वास करते हैं। शीघ्रगामिनी मोटर नौकाएं [[मिनाम नदी]] द्वारा इस नगर का संबंध बेंकाक और अन्य नगरों से स्थापित करती हैं। आयूथिया चावल और [[सागौन]] (टीक) की लकड़ी का व्यापारिक केंद्र है।
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