"सत्येन्द्र नारायण सिन्हा": अवतरणों में अंतर

→‎स्मृति श्रद्धांजलि: 25 लाख से पूर्व सीएम सत्येन्द्र बाबू ऊर्फ छोटे साहब की याद में बनेगा स्मृति भवन-निर्णय
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| office = [[बिहार के मुख्यमंत्रीमुख्यमंत्रियों की सूची|पूर्व मुख्यमंत्री, बिहार]]
| term_start =११ मार्च १९८९
| term_end = ०६ दिसम्बर १९८९
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| successor = [[जगन्नाथ मिश्र]]
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|1namedata = [[राजीव गांधी|राजीव गान्धी]],<br> [[विश्वनाथ प्रताप सिंह]]
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|office2 = [[बिहार]] के शिक्षा मंत्री
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|nationality = [[भारतीय]]
|alma_mater = [[कला]] [[स्नातक]], बी. एल.
| party=[[भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस|कांग्रेस]] ([[१९४०|1940-]]-[[१९६९|1969]]), कांग्रेस-ओ (1969–[[१९७७|1977]]), [[जनता पार्टी]]
| religion=[[हिन्दू]]
|profession = स्वतंत्रता सेनानी, राजनीतिज्ञ
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}}
 
'''सत्येन्द्र नारायण सिन्हा''' (12 जुलाई 1917 – 4 सितम्बर 2006) एक [[भारत|भारतीय]] राजनेता थे। वे [[बिहार]] के [[मुख्यमन्त्री (भारत)|मुख्यमंत्री]] रहे। प्यार से लोग उन्हें '''छोटे साहब''' कहते थे। वे भारत के [[स्वतंत्रता सेनानी]], [[राजनीतिज्ञराजनीति]]ज्ञ,[[सांसद]], [[शिक्षा]][[मंत्री]] , [[जयप्रकाश नारायण|जेपी]] [[सम्पूर्ण क्रांति|आंदोलन]] के स्तम्भ तथा बिहार राज्य के [[मुख्यमन्त्री (भारत)|मुख्यमंत्री]] रहे हैं।<ref>https://www.patnadaily.com/index.php/readers-write/13700-satyendra-narayan-sinha-ek-sajjan-rajneta.html</ref>उन्हें 10 वर्षों तक लगातार केंद्रीय कैबिनेट मंत्री का दर्जा मिला जब उन्होंने [[संयुक्त राष्ट्र]] की अंतर्राष्ट्रीय समिति में [[एशिया]] का प्रतिनिधित्व किया|सत्येंद्र बाबू बिहार के औरंगाबाद लोकसभा क्षेत्र से सात बार [[सांसद]] रहे और इसे मिनी [[चित्तौड़गढ़|चितौड़गढ़]] के नाम से जाना जाता रहा|<ref>https://m.jagran.com/bihar/aurangabad-seven-terms-mp-in-aurangabad-19046753.html</ref>
 
== व्यक्तिगत जीवन ==
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== राजनीतिक जीवन ==
[[चित्र:Bihar_CM_unveils_Satyendra_Narain_Sinha_statue_at_Satyendra_Narain_Sinha_Park_in_SK_Puri.jpg|left|thumb|156px|बिहार के मुख्यमंत्री [[नितीश कुमार|नीतीश कुमार]] छोटे साहब की आदमकद प्रतिमा अनावरण समारोह के दौरान|]]स्वतंत्रता संग्राम में भागीदारी के बाद देश की आज़ादी के समय राष्ट्रीय राजनीति में इनका नाम वज़नदार हो चुका था। उन्होंने छठे और सातवें दशक में [[बिहार]] की राजनीति में निर्णायक भूमिका निभायी और उनके राजनीतिक समर्थन से बिहार<ref>https://www.patnadaily.com/index.php/readers-write/13700-satyendra-narayan-sinha-ek-sajjan-rajneta.html</ref> के मुख्यमंत्री बने पंडित बिनोदानंद झा ने प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू से विशेष आग्रह करके उन्हें केंद्र से बिहार राज्य लाये एवं मंत्रिमडल में दूसरा स्थान दिया, वस्तुतः उन दिनों उनको बिहार का 'डिफैक्टो' सीएम माना जाता था। 1963 में कामराज योजना के बाद छोटे साहेब द्वारा बिहार में श्री के. बी. सहाय को मुख्यमंत्री पद पर स्थापित करने का राजनितिक निर्णय बिहार की राजनीती के मास्टर स्ट्रोक के रूप में माना जाता है । सत्येन्द्र बाबू 1961 में बिहार के शिक्षा मंत्री, कृषि और स्थानीय प्रशासन मंत्री बने जो उप मुख्यमंत्री के हैसियत में थे। उन्होंने राजनीति के लिए मानवीय अनुभूतियों को तिलांजलि दे दी, शिक्षा मंत्री के रूप में शैक्षणिक सुधार किया, साथ ही [[मगध महाजनपद|मगध]] [[विश्वविद्यालय]] की स्थापना की।औरंगाबाद<ref>https://www.bhaskar.com/bihar/gaya/news/encourage-farmers-from-the-area-due-to-the-foundation-stone-of-the-northern-kollak-project-032018-3591032.html</ref>संसदीय क्षेत्र के [[सांसद]] के रूप में उन्होंने १९७२ में महत्वपूर्ण उत्तरी कोयल परियोजना नहर का शिलान्यास किया था|
 
वे देश में अपनी सैद्धांतिक राजनीति के लिए चर्चित थे। सत्येन्द्र बाबू ने बिहार के विकास में अग्रणी भूमिका निभाई। अपने छह दशक के राजनीतिक जीवन में छोटे साहब ने कई मील के पत्थर स्थापित किए। युवाओं और छात्रों को राजनीति में आने के लिए मोटिवेट किया। सत्येन्द्र नारायण सिन्हा के प्रोत्साहन पर आपातकाल आन्दोलन से [[नितीश कुमार]], [[नरेन्द्र सिंह]], [[रामजतन सिन्हा]], [[लालू प्रसाद यादव]], [[रघुवंश प्रसाद सिंह]], [[सुशील कुमार मोदी]], [[रामविलास पासवान]] और [[सुबोधकान्त सहाय]] जैसे तात्कालीन युवा नेता निकले। इन्होंने वर्ष 1988 में ऐतिहासिक [[पटना तारामंडल]] की आधारशिला रखी, साथ ही अपने मुख्यमंत्रीत्व काल में बिहार के  नवीनगर में सुपर थर्मल पावर परियोजना की सिफारिश की।
सत्येन्द्र नारायण सिन्हा के जीवन को समेटते हुये सत्येन्द्र नारायण सिन्हा स्मृति ग्रंथ समिति द्वारा एक पुस्तक का प्रकाशन किया गया है। इस पुस्तक में सत्येंद्र नारायण से संबंधित दुर्लभ चित्रों के संग्रह भी हैं और कई महत्वपूर्ण लोगों द्वारा उन पर लिखे गये आलेख भी।
 
: ''स्व. सत्येन्द्र नारायण सिन्हा बिहार की राजनीति के स्तंभ और युवा पीढ़ी के प्रेरणास्रोत थे। छात्र आंदोलन एवं जयप्रकाश आंदोलन के समय से ही स्व. सत्येन्द्र बाबू का मार्गदर्शन और स्नेह मुझे मिलता रहा। -- [[नितीश कुमार|नीतीश कुमार]]
 
इस पुस्तक में तत्कालीन राष्ट्रपति [[प्रतिभा देवीसिंह पाटिल|प्रतिभा पाटिल]], तत्कालीन प्रधानमंत्री [[मनमोहन सिंह]], अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की अध्यक्ष [[सोनिया गांधी]], तत्कालीन लोकसभा अध्यक्ष [[मीरा कुमार]], बिहार के तत्कालीन राज्यपाल देबानन्द कुंवर, उड़ीसा के तत्कालीन राज्यपाल मुरलीधर चंद्रकांत भंडारी, पश्चिम बंगाल के तत्कालीन राज्यपाल नारायणन, बिहार के मुख्यमंत्री [[नितीश कुमार|नीतीश कुमार]], दिल्ली की पूर्व मुख्य मंत्री [[शीला दीक्षित]], पूर्व मुख्यमंत्री [[जगन्नाथ मिश्र]], लोजपा सुप्रीमो [[रामविलास पासवान]],केरल राज्य के पूर्व राज्यपाल [[निखिल कुमार]], [[प्रभु चावला]] समेत कई अन्य गणमान्य लोगों के द्वारा ''छोटे साहब'' पर लिखे गये आलेख और शुभ संदेश हैं।
 
==स्मृति श्रद्धांजलि==
पटना के प्रतिष्ठित चिल्ड्रेन पार्क, श्रीकृष्णापुरी का नामकरण [[स्वतंत्रता सेनानी]] एवं अविभाजित बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री सत्येन्द्र नारायण सिन्हा<ref>http://www.bhaskar.com/news/BIH-PAT-HMU-MAT-latest-patna-news-020004-544032-NOR.html</ref> के नाम से अब '''''सत्येन्द्र नारायण सिन्हा पार्क''''' श्रीकृष्णापुरी किया गया हैं और उनकी जयंती पे आयोजित राजकीय जयंती समारोह पर पार्क में उनकी आदमकद प्रतिमा का राज्यपाल [[राम नाथ कोविन्द]] और बिहार के मुख्यमंत्री [[नितीश कुमार|नीतीश कुमार]] ने अनावरण किया। [[औरंगाबाद]] शहर के दानी बिगहा में बन <ref>http://www.prabhatkhabar.com/news/aurangabad/story/1059598.html</ref> रहे शहर के पहले पार्क का <ref>http://m.jagran.com/bihar/aurangabad-10053871.html#</ref> नामकरण पूर्व मुख्यमंत्री सत्येन्द्र नारायण सिन्हा उर्फ छोटे साहब के नाम पर करने का निर्णय लिया गया हैं और पार्क में छोटे साहब की आदमकद प्रतिमा लगाने का प्रस्ताव पारित किया गया है।गया के ए.एम. कॉलेज परिसर<ref>https://www.bhaskar.com/bihar/gaya/news/the-foundation-stone-of-satyendra-narayan-sinha-bhavan-in-am-college-031106-3941725.html</ref>में [[बिहार]] के [[शिक्षा मंत्री]] ने स्वर्गीय सत्येंद्र नारायण सिन्हा भवन का शिलान्यास किया है जिसका निर्माण बिहार शैक्षणिक आधारभूत संरचना विकास निगम लिमिटेड कराएगा|औरंगाबाद समाहरणालय परिसर में पूर्व मुख्यमंत्री स्व. सत्येन्द्र नारायण सिन्हा उर्फ छोटे साहब की याद में स्मृति भवन का निर्माण कराया जाएगा जिसके लिए नगर परिषद ने आधिकारिक स्वीकृति भी दे दी है।स्मृति भवन में छोटे साहब से जुड़े किताबों और तस्वीरों के माध्यम से उनकी याद को सहेजने का काम किया जाएगा<ref>https://www.bhaskar.com/bihar/aurangabad/news/smriti-bhawan-to-be-built-in-memory-of-cm-satyendra-babu-alias-shanti-sahab-before-25-lakh-061504-4986790.html</ref>
 
== राजनीतिक पद ==