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[[चित्र:Gabriele D'Annunzio.jpg|गाब्रिएल दाँनुतस्यो|right|thumb|300px]]
'''गाब्रिएल दाँनुतस्यो''' (Gabriele D'Annunzio ; इतालवी उच्चारण : [ɡabriˈɛːle danˈnuntsjo] ; 12 मार्च, 1863 – 01 मार्च 1938) [[इटली]] का लेखक, [[कवि]], [[पत्रकार]], [[नाटक]]कार, तथा [[पहला विश्व युद्ध|प्रथम विश्वयुद्ध]] का योद्धा त्था। १८८९ से १९१० तक [[इतालवी साहित्य]] में तथा १९१४ से १०२४ तक इटली के राजनीतिक जीवन में उसका प्रमुख स्थान था। उसको प्रायः ''इल वाटे'' (Il Vate = कवि) या ''इल प्रोफेटा'' ( Il Profeta = मसीहा) के नाम से जाना जाता था।
 
==परिचय==
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==कृतियाँ==
इसकी प्रारंभिक रचनाएँ ''प्रीमो बेटे'' ([[कविताकाव्य|कविताएँ]]एँ) में संगृहीत हैं। अन्य काव्यकृतियों में 'कांतो नीवो' 'इंतरमेज्जो दी रीमे', 'एलेजिए रोमाने', 'ईसोंतेओ ए ला कीमेरा', 'पोएमा पारादीसियाको', 'ले लाउदी', हैं। प्रसिद्ध [[उपन्यास|उपन्यासों]] में 'इल प्याचे', 'लरे', 'इंतोचेले', 'इल फुवाको' आदि हैं। [[नाटक|नाट्यकृतियों]] में 'फ्रांचेस्का दा रीमिनी', 'ला फील्या दी योरियो', 'ला नावे' आदि हैं। 'ले नोवेल्ले देल्ला पेस्कारा' उसकी [[कहानी|कहानियों]] का प्रसिद्ध संग्रह है। [[आत्मकथा|आत्मकथात्मक]] गद्यकाव्य की दृष्टि से 'कोंतेंलात्सियोने देल्ला मोर्ते' तथा 'लीवरो सेग्रेतो' उल्लेखनीय हैं।
 
[[श्रेणी:इतालवी साहित्यकार]]