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== महान दूरदर्शी ==
जमशेदजी एक अलग ही व्यक्तित्व के मालिक थे। उन्होंने न केवल कपड़ा बनाने के नये-नये तरीक़े ही अपनाये बल्कि अपने कारखाने में काम करनेवाले श्रमिकों का भी खूब ध्यान रखा। उनके भले के लिए जमशेदजी ने अनेक नयी व बेहतर श्रम-नीतियाँ अपनाईं। इस नज़र से भी वे अपने समय में कहीं आगे थे। सफलता को कभी केवल अपनी ज़ागीर नहीं समझा, बल्कि उनके लिए उनकी सफलता उन सब की थी जो उनके लिए काम करते थे। जमशेदजी के अनेक राष्ट्रवादी और क्रान्तिकारी नेताओं से नजदीकी सम्बन्ध थे, इनमें प्रमुख थे, [[दादा भाई नौरोजी|दादाभाई नौरोजी]] और [[फिरोज़शाह मेहता|फिरोजशाह मेहता]]। जमशेदजी पर और उनकी सोंच पर इनका काफी प्रभाव था।
 
उनका मानना था कि '''आर्थिक स्वतंत्रता ही राजनीतिक स्वतंत्रता का आधार है'''। जमशेदजी के दिमाग में तीन बड़े विचार थे— एक अपनी लोहा व स्टील कम्पनी खोलना; दूसरा जगत प्रसिद्ध अध्ययन केन्द्र स्थापित करना; व तीसरा [[जलविद्युत ऊर्जा|जलविद्युत]] परियोजना (Hydro-electric plant) लगाना। दुर्भाग्यवश! उनके जीवन काल में तीनों में से कोई भी सपना पूरा न हो सका, पर वे बीज तो बो ही चुके थे, एक ऐसा बीज जिसकी जड़ें उनकी आने वाली पीढ़ी ने अनेक देशों में फैलायीं। जो एक मात्र सपना वे पूरा होता देख सके वह था— '''होटल ताजमहल'''। यह दिसम्बर 1903 में 4,21,00,000 रुपये के शाही खर्च से तैयार हुआ। इसमें भी उन्होंने अपनी राष्ट्रवादी सोंच को दिखाया था। उन दिनों स्थानीय भारतीयों को बेहतरीन यूरोपियन होटलों में घुसने नही दिया जाता था। [[ताजमहल पैलेस एंड टॉवर|ताजमहल होटल]] इस दमनकारी नीति का करारा जवाब था।
 
1904 में [[जर्मनी]] में उन्होंने अपनी अन्तिम साँस ली।
 
== भारत के औद्योगिक विकास में योगदान ==
भारतीय औद्योगिक क्षेत्र में जमशेदजी का योग असाधारण महत्त्व रखता है। इन्होंने भारतीय औद्योगिक विकास का मार्ग ऐसे समय में प्रशस्त किया, जब उस दिशा में केवल यूरोपीय, विशेषत: अंग्रेज ही कुशल समझे जाते थे। इंग्लैड की प्रथम यात्रा से लौटकर इन्होंने चिंचपोकली के एक तेल मिल को कताई-बुनाई मिल में परिवर्तित कर औद्योगिक जीवन का सूत्रपात किया। किन्तु अपनी इस सफलता से उन्हें पूर्ण सन्तोष न मिला। पुन: इंग्लैंड की यात्रा की। वहाँ [[लैंकाशिर|लंकाशायर]] के से बारीक वस्त्र की उत्पादन विधि और उसके लिए उपयुक्त जलवायु का अध्ययन किया। इसके लिए उन्होंने [[नागपुर]] को चुना और वहाँ वातानुकूलित [[सूत]] [[मिल|मिलों]] की स्थापना की। इस तरह लंकाशायर का जलवायु कृत्रिम साधनों से नागपुर की मिलों में उपस्थित कर दिया।
 
औद्योगिक विकास कार्यों में जमशेदजी यहीं नहीं रूके। देश के सफल औद्योगीकरण के लिए उन्होंने इस्पात कारखानों की स्थापना की महत्त्वपूर्ण योजना बनायी। ऐसे स्थानों की खोज की जहाँ लोहे की खदानों के साथ कोयला और पानी सुविधा प्राप्त हो सके। अंततः आपने बिहार के जंगलों में सिंहभूमि जिले में वह स्थान (इस्पात की दृष्टि से बहुत ही उपयुक्त) खोज निकाला।
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जमशेदजी की अन्य बड़ी उल्लेखनीय योजनाओं में पश्चिमी घाटों के तीव्र जलप्रपातों से बिजली उत्पन्न करनेवाला विशाल उद्योग है, जिसकी नींव ८ फ़रवरी १९११ को लानौली में गवर्नर द्वारा रखी गयी। इससे [[मुम्बई|बम्बई]] की समूची विद्युत आवश्यकताओं की पूर्ति होने लगी।
 
इन विशाल योजनाओं को कार्यान्वित करने के साथ ही टाटा ने पर्यटकों की सुविधा के लिए बम्बई में [[ताजमहल पैलेस एंड टॉवर|ताजमहल होटल]] खड़ा किया जो पूरे [[एशिया]] में अपने ढंग का अकेला है।
 
सफल औद्योगिक और व्यापारी होने के अतिरिक्त सर जमशेदजी उदार चित्त के व्यक्ति थे। वे औद्योगिक क्रान्ति के अभिशाप से परिचित थे और उसके कुपरिणामों से अपने देशवासियों, विशेषतः मिल मजदूरों को बचाना चाहते थे। इसी उद्देश्य से उन्होंने मिलों की चारदीवारी के बाहर उनके लिए पुस्तकालयों, उद्यानों (पार्कों), आदि की व्यवस्था के साथ-साथ दवा आदि की सुविधा भी उन्हें प्रदान कीं।
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== इन्हें भी देखें ==
* [[जमशेदपुर]]
* [[टाटा इस्पात|टाटा स्टील]]
* [[टाटा परिवार]]
* [[जहाँगीर रतनजी दादाभाई टाटा|जेआरडी टाटा]]