"मनोज कुमार पांडेय": अवतरणों में अंतर
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|rank= [[File:Captain of the Indian Army.svg|24px]] कैप्टन, भारतीय सेना
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|battles= '''[[कारगिल युद्ध]]'''<br>[[गोवा मुक्ति संग्राम|ऑपरेशन विजय]]
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कैप्टन '''मनोज कुमार पांडेय''' ({{lang-en|Manoj Kumar Pandey}}) ([[२५ जून|25 जून]] 1975, सीतापुर, उत्तर प्रदेश -- 3 जुलाई 1999, कश्मीर), [[भारतीय सशस्त्र सेनाएँ|भारतीय सेना]] के अधिकारी थे जिन्हें सन [[१९९९]] के कारगिल युद्ध में असाधारण वीरता के लिए मरणोपरांत भारत के सर्वोच्च वीरता पदक [[परमवीर चक्र]] से सम्मानित किया गया।
==प्रारंभिक जीवन एवं शिक्षा==
पांडेय का जन्म 25 जून 1975 को [[उत्तर प्रदेश]] के [[सीतापुर]] ज़िले के रुधा गाँव में हुआ था। मनोज [[नेपाली (बहुविकल्पी)|नेपाली]] [[क्षेत्री]] परिवार में पिता गोपीचन्द्र पांडेय तथा माँ मोहिनी के पुत्र के रूप में पैदा हुए थे। मनोज की शिक्षा सैनिक स्कूल लखनऊ में हुई और वहीं से उनमें अनुशासन भाव तथा देश प्रेम की भावना संचारित हुई जो उन्हें सम्मान के उत्कर्ष तक ले गई। इन्हें बचपन से ही वीरता तथा सद्चरित्र की कहानियाँ उनकी माँ सुनाया करती थीं और मनोज का हौसला बढ़ाती थीं कि वह हमेशा जीवन के किसी भी मोड़ पर चुनौतियों से घबराये नहीं और हमेशा सम्मान तथा यश की परवाह करे। इंटरमेडियेट की पढ़ाई पूरी करने के बाद मनोज ने प्रतियोगिता में सफल होने के पश्चात [[पुणे]] के पास खड़कवासला स्थित [[राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (भारत)|राष्ट्रीय रक्षा अकादमी]] में दाखिला लिया। प्रशिक्षण पूरा करने के पश्चात वे 11 गोरखा रायफल्स रेजिमेंट की पहली वाहनी के अधिकारी बने।<ref>[http://www.samaylive.com/regional-news-in-hindi/uttar-pradesh-news-in-hindi/276083/hero-of-kargil-shaheed-lieutenant-manoj-kumar-pandey.html करगिल विजय दिवस: शहीद लेफ्टिनेंट मनोज कुमार पांडे की कहानी पिता की जुबानी](समय लाइव)</ref>
==करियर==
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