"आतपन": अवतरणों में अंतर

छो बॉट: पुनर्प्रेषण ठीक कर रहा है
पंक्ति 14:
 
=== वायुमंडल में पारेषण, अवशोषण एवं विकिरण ===
[[पृथ्वी का वायुमण्डल|वायुमंडल]] में पारेषण (ट्रांसमिशन), अवशोषण (एब्जॉर्ब्सन) तथा [[विकिरण]] (रेडिएशन) घटनाओं की परस्पर जटिल क्रिया होती है। सूर्यकिरणों की तरंग लघुदैर्ध्य के आपतित विकिरण का लगभग ४२ प्रति शतअंश [[पृथ्वी]] के वायुमंडल की बाह्य सीमा से ही [[अंतरिक्ष]] को तत्काल लौट जाता है। शेष विकिरण का लगभग १५ प्रतिशत वायुमंडल द्वारा और ४३ प्रतिशत भूपृष्ठ द्वारा सीधे अवशोषित हो जाता है। इस अवशोषित विकिरण के आठ प्रति शत को भूपृष्ठ पुन: दीर्घतरंगों के रूप में विकिरण करता है और ३५ प्रतिशत को वायुमंडल में पारेषित करता है। पारेषण द्वारा प्राप्त विकिरण को वायुमंडल दीर्घतरंग ऊष्मा विकिरण के रूप में अंतरिक्ष को पुन: विकीर्ण करके, आगामी लघुतरंग और प्रगामी दीर्घतरंग विकिरणों में संतुलन करता है। इस प्रकार धूप में हेरफेर होने पर भी भूपृष्ठ का माध्य ताप व्यवहारत: लगभग एक सा रहता है।
 
किसी दिन, किसी स्थान पर धूप की कुल अवधि बदली, कोहरा आदि आकाश को धुँधला करनेवाले अनेक घटकों पर निर्भर करती है। [[धूप अभिलेखक]] (Sunshine Recorder) नामक उपकरण से [[वेधशाला|वेधशालाओं]] में धूप के वास्तविक घंटों का निर्धारण किया जाता है। इस उपकरण में एक चौखटे पर काच का एक गोला स्थापित रहता है, जिसे इस प्रकार समंजित किया जा सकता है कि गोले का एक व्यास ध्रुव की ओर संकेत करे। गोले के नीचे उपयुक्त स्थान पर समांतर रखे, घंटों में अंशाकिंत पत्रक (card) पर सौर किरणों को फोकस करते हैं। सूर्योदय और सूर्यास्त के बीच जब भी बदली, [[कोहरा]] आदि नहीं होते, तब फोकस पड़ी हुई किरणें पत्रक को समुचित स्थान पर जला देती हैं।
"https://hi.wikipedia.org/wiki/आतपन" से प्राप्त