"टाइटेनियम": अवतरणों में अंतर

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== गुणधर्म ==
यह [[लोहा|लोहे]] जैसी [[धातु]] है। इसका [[आपेक्षिक घनत्व]] 3.49 से 3.59 तक तथा [[गलनांक|द्रवणांक]] लगभग 2,000 सें0 है। यह [[पृथ्वी का वायुमण्डल|हवा]] में स्थायी है, परंतु 1,200 डिग्री सें0 ताप तक गरम करने पर टाइटेनियम ऑक्साइड, (TiO2), बनता है हैलोजन सरलता से इस धातु को आक्रांत करते हैं। [[फ्लोरीन]] सबसे आसानी से तथा [[आयोडीन]] देर में और ऊँचे ताप पर आक्रांत करता है। यह [[नाइट्रोजन]], [[फास्फोरस|फॉस्फोरस]], [[बोरॉन]] तथा [[गंधक|सल्फर]] से ऊँचे ताप पर क्रिया करके नाइट्राइड, फॉस्फाइड, बोराइड तथा सल्फाइड बनाती है। [[हाइड्रोक्लोरिक अम्ल]], सल्फ्यूरिक अम्ल तथा नाइट्रिक अम्ल इसको सरलता से आक्रांत करते हैं। ऑक्सीकारक पदार्थ जैसे पोटासियम क्लोरेट, पोटासियम परमैंगेनेट इत्यादि, की इस पर बड़ी तीव्रता से क्रिया होती है।
 
ताँबे के साथ यह क्यूप्रोटाइटेनियम, चाँदी के साथ आरजेंटोटाइटेनियम एवं ऐल्यूमिनियम के साथ कई प्रकार की मिश्रधातुएँ, जैसे (Al3Ti2) ऐ4टाइ (Al4Ti) और (Al3Ti) बनता है।
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== उपयोग ==
इसकी [[मिश्रधातुमिश्रातु|मिश्रधातुएँ]]एँ बड़े महत्व की हैं और लोहस और अलोहस धातुओं के शोधन में काम आती हैं। इसके यौगिक कागज, कपड़ा, चमड़ा, ऊन इत्यादि रँगने तथा चीनी मिट्टी के बरतनों पर लुक करने के काम आते हैं।<ref> Donachie, Matthew J., Jr. (1988). TITANIUM: A Technical Guide. Metals Park, OH: ASM International. p. 11. ISBN 0-87170-309-2.</ref>
 
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