"यथार्थवाद (अंतरराष्ट्रीय संबंध)": अवतरणों में अंतर

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* '''जीवन रक्षा/[[अस्तित्ववाद|अस्तित्व]] (Survival)''': यथार्थवादियों का मानना ​​है कि अंतरराष्ट्रीय प्रणाली अराजकता के द्वारा संचालित है, जिसका अर्थ है कि वहाँ कोई केंद्रीय सत्ता नहीं है, जो राष्ट्र राज्यों में सामंजस्य रख सके।<ref name="iep.utm.edu"/> इसलिए, अंतरराष्ट्रीय राजनीति स्वार्थी (Self-interested) राज्यों के बीच सत्ता के लिए एक संघर्ष है।<ref>Snyder, Jack, 'One World, Rival Theories, Foreign Policy, 145 (November/December 2004), p.55</ref>
* '''स्वयं सहायता (Self-help)''': यथार्थवादियों का मानना ​​है कि राज्य के अस्तित्व की गारंटी के लिए अन्य राज्यों की मदद पर भरोसा नहीं किया जा सकता है, इसलिए राज्य को अपनी सुरक्षा स्वयं के बल पर ही करनी चाहिए।
यथार्थवाद में कई महत्वपूर्ण मान्यताएं हैं। यथार्थवादी मानते हैं कि राष्ट्र - राज्य इस अराजक अंतरराष्ट्रीय प्रणाली में ऐकिक (Unitary) व भौगोलिक आधारित अभिनेता (Actors) हैं, जहाँ कोई भी वास्तविक आधिकारिक विश्व सरकार के रूप में मौजूद नहीं है जो इन राष्ट्र- राज्यों के बीच अन्तः क्रिया या सहभागिताओं को विनियमित (Regulate) करने में सक्षम हो। दूसरे, यह अंतरसरकारी संगठनों (IGOs), अंतरराष्ट्रीय संगठनों (IOs), [[गैरस्वयं सरकारीसेवक संगठन|गैर सरकारी संगठनों]] (NGOs), या [[बहुराष्ट्रीय कम्पनी|बहुराष्ट्रीय कंपनियों]] (MNCs) के बजाय [[संप्रभुसम्प्रभु राज्य|संप्रभु राज्यों]] (Sovereign states) को ही अंतरराष्ट्रीय मामलों में प्राथमिक अभिनेता मानते हैं। इस प्रकार, राज्य ही, सर्वोच्च व्यवस्था के रूप में, एक दूसरे के साथ प्रतिस्पर्धा में रहते हैं। ऐसे में, एक राज्य अपने अस्तित्व को बनाए रखने, अपनी खुद की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए और इन प्राथमिक उद्देश्यों के साथ अपने स्वयं के स्वार्थ की खोज में एक तर्कसंगत स्वायत्त अभिनेता के रूप में कार्य करता है और इस तरह अपनी [[सम्प्रभुता|संप्रभुता]] और अस्तित्व की रक्षा करने का प्रयास करता है। यथार्थवादी मानते हैं कि राष्ट्र राज्य अपने हितों की खोज में, अपने लिए संसाधनों को एकत्र करना करने का प्रयास है और ये राज्यों के बीच के संबंधों को सत्ता के अपने संबंधित स्तरों द्वारा निर्धारित करते हैं। शक्ति का यह स्तर राज्य के सैन्य, आर्थिक और राजनीतिक क्षमताओं से निर्धारित होता है।
'''मानव स्वभाव यथार्थवादीयों''' (''Human nature realists'') का मानना ​​है, कि [[राज्य]] स्वाभाविक रूप से ही आक्रामक होते हैं अतः क्षेत्रीय विस्तार को शक्तियों का विरोध करके ही असीमाबद्ध किया गया है। जबकि दुसरे '''आक्रामक/ रक्षात्मक यथार्थवादीयों''' (''Offensive/defensive realists'') का मानना ​​है कि राज्य हमेंशा अपने अस्तित्व की सुरक्षा और निरंतरता की चिंता से ग्रस्त रहते हैं। रक्षात्मक दृष्टिकोण एक [[सुरक्षा दुविधा]] (Security dilemma) की तरफ ले जाता है, क्योंकि जहां एक [[सम्प्रभु राज्य|राष्ट्र]] खुद की सुरक्षा को बढ़ाने के लिए हथियार बनता है, तो वहीं प्रतिद्वंद्वी भी साथ ही साथ समानांतर लाभ प्राप्त करने की कोशिश करता है। इसलिए यह प्रक्रिया और अधिक अस्थिरता की ओर ले जा सकती है यहाँ [[सुरक्षा]] को केवल '''शून्य राशि खेल/[[शून्य-संचय खेल]]''' ([[शून्य-संचय खेल|ज़ीरो सम गेम्स]]) के रूप में देखा जा सकता है, जहाँ केवल [[सापेक्ष लाभ]] मिल सकता है।
 
== इन्हें भी देखें ==