"मनसा राम": अवतरणों में अंतर

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मुग़ल बादशाह मुहम्मद शाह रंगीला सन १७३७ में मराठा पेशवा बाजी राव से हार चुका था और १७३९ में नादिर शाह ने भी उसे बुरी तरह से हराया था। ऐसे ऐसी स्थिति में बादशाह को योग्य सूबेदारों और सहयोगियों की आवश्यकता थी। सम्भवतः मनसराम कोई काबिलियत को इसी वजह से तेजी से वरीयता दी गयी ।
 
श्री ''' मनसा राम ''' सन [[१७३७]] से [[१७४०]] तक [[काशी का इतिहास#आधुनिक काशी राज्य|काशी राज्य]] के नरेश रहे। मनसा राम काशी नरेश राजा बलवंत सिंह के पिता थे|
 
==उत्तराधिकारी==
* [[राजा बलवंत सिंह|बलवंत सिंह]]
 
==इन्हें भी देखें==
* [[काशी का इतिहास#आधुनिक काशी राज्य|काशी राज्य]]
 
== सन्दर्भ ==