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[[चित्र:Soybean cyst nematode and egg SEM.jpg|thumb|240px|एक प्रकार का गोल कृमि]]
'''सूत्रकृमि''' या '''गोल कृमि''' (नेमैटोड) [[अकशेरुकी प्राणी|अपृष्ठवंशी]], जलीय, स्थलीय या [[पराश्रयी]] प्राणी है। ये सूदूर अन्टार्कटिक तथा महासागरों के गर्तों में भी देखें गएं हैं। इनका शरीर अखंडित, लम्बे पतले धागे जैसा तथा बेलनाकार होता है, इसलिए इसे राउण्डवर्म कहा जाता है। इनको प्राणि जगत में एक [[संघ]] की मर्यादा प्राप्त हैं। इनकी लगभग ८०,००० जातियाँ हैं जिसमें से १५,००० से अधिक परजीवी है। इस जन्तु में नर तथा मादा अलग-अलग होते हैं जिसमें नर छोटा तथा पीछे का भाग मुड़ा़ हुआ रहता है किन्तु मादा का शरीर सीधा होता है। नर का जनन अंग क्लोयका के पास होता है किन्तु मादा का जनन अंग वल्वा के रूप में बाहर की ओर खुलता है। इनमें रक्त-परिवहन तंत्र और श्वसन तंत्र नहीं पाये जाते हैं इसलिए [[कोशिकीय श्वसन|श्वसन]] का कार्य [[विसरण]] के द्वारा होता है।<ref>ATKINSON,H.J. (१९७३) "THE RESPIRATORY PHYSIOLOGY OF THE MARINE NEMATODES ENOPLUS BREVIS(BASTIAN) AND E. COMMUNIS (BASTIAN) ''Journal of Experimental Biology'' '''59''': 355-266 [http://jeb.biologists.org/cgi/reprint/59/1/255.pdf]</ref>
 
== सन्दर्भ ==