"राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान": अवतरणों में अंतर

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'''राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान''' (NIT) को पहले '''क्षेत्रीय इंजिनीयरिंग कालेज''' (''आर ई सी'') के नाम से जाना जाता था। सन् २००२ में भारत सरकार के [[मानव संसाधन मंत्रालय, भारत सरकार|मानव संसाधन विकास मंत्रालय]] ने इन १७ इंजिनीयरंग महाविद्यालयों का स्तर बढ़ाकर इनका नाम "राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान" कर दिया। भारत में तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में शिक्षण के स्तर, विद्यार्थियों की गुणवत्ता तथा स्थापन (प्लेसमेन्ट) की दृष्टि से [[भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान|भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों]] (आई आई टी) के बाद इनका ही स्थान आता है। इस समय (सन् २००७) एन आई टी की संख्या ३० है। प्रारम्भ में सन् १९५९ और् सन् [[१९६५]] के बीच चौदह आर ई सी की स्थापना हुई। वर्तमान समय में ३१ एन आई टी निम्नलिखित स्थानों पर स्थित हैं:
 
* [[मोतीलाल नेहरू राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान इलाहाबाद|मोतीलाल नेहरू राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान, इलाहाबाद]] (पूर्व में मोतीलाल इंजीनियरिंग कालेज)
* [[मौलाना आजाद राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान, भोपाल]]
* [[राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान, कालीकट]]
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* [[विश्वेश्वरैय्या राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान, नागपुर]]
* [[राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान, श्रीनगर]]
* [[सरदार वल्लभभाई राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान, सूरत|सरदार बल्लभभाई राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान, सूरत]]
* [[राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान, सूरतकल]]
* [[राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान, त्रिची|राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान, तिरुचिरापल्ली]]
* [[राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान, वारांगल]]
* [[राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान, सिलचर]]
पंक्ति 65:
* [[राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान नागालैंड|राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान, नागालैंड]]
* [[राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान,अरुणाचल प्रदेश|राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान, अरुणांचल प्रदेश]]
* [[राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान सिक्किम|राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान, सिक्किम]]
* [[राष्ट्रीय प्रोद्योगिकी संस्थान, ताड़ेपल्लीगुड़म]]
सभी कालेजों में विभिन्न तकनीकी शाखाओं में स्नातक, परा-स्नातक और डाक्टरेट स्तर की शिक्षा दी जाती है। आजकल एन आई टी होने के बाद इन संस्थानों का सारा खर्च केन्द्र सरकार वहन करती है। इन संस्थानों के स्नातक स्तर के पाठ्यक्रमों में प्रवेश [[अखिल भारतीय इंजिनीयरिंग प्रवेश परीक्षा]] (AIEEE) के माध्यम् से होती है जिसमें बहु-विकल्पीय वस्तुनिष्ठ प्रश्न पूछे जाते हैं।