उनकी ख्याति [[केरल]] के राजा [[चेरमन परुमल]] तक भी पहूँची। राजा परुमल तिरुवरुर को आए और सुन्दरार से मिले। राजा और सुन्दरार की दोस्ती हुई और उन दोनो ने साथ-साथ तीर्थो की यात्रा की।
==मृत्यु==
==म्रत्य==
थोदथोडे साल से बाद सुन्दरार तो थक गयागए और शन्करशंकर भग्वानभगवान कोकी स्तुति कियाकी । वोउन्होने पुचापुछा "इस जनम से आप हम्कोहमे मोक्शमोक्ष दे" । शन्करशंकर भग्वानभगवान उस्कोने उनको एक हाथिहाथी दिया । सुन्दरार कोने शन्करशंकर भग्वानभगवान से परूमल को पुचभी "परुमलस्वर्ग हम्केआने साथकी आअनुमति सक्ता है"?माँगी। सुन्दारर, उस्काउनका हाथिहाथी, मेपरुमल और परुमल उस्का घोदा मेउनका साथियोघोडा स्वर्गलोक को जाया थागए, ८२५ साल मे ।