"भारतीय स्वतंत्रता अधिनियम १९४७": अवतरणों में अंतर

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* भारत को भारत और पाकिस्तान में विभाजित किया जायेगा,
 
* [[बंगाल]] और [[पंजाब क्षेत्र|पंजाब]] का विभाजन किया जायेगा और [[उत्तर पूर्वी सीमा प्रान्त]] और [[असम]] के सिलहट जिले में जनमत संग्रह कराया जायेगा।
 
* पाकिस्तान के लिए संविधान निर्माण हेतु एक पृथक संविधान सभा का गठन किया जायेगा।
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==विभाजन और स्वतंत्रता==
 
सभी राजनीतिक दलों ने माउंटबेटन योजना को स्वीकार कर लिया। [[सिरिल रेडक्लिफ़|सर रेडक्लिफ]] की अध्यक्षता में दो आयोगों का ब्रिटिश सरकार ने गठन किया जिनका कार्य विभाजन की देख-रेख और नए गठित होने वाले राष्ट्रों की अन्तर्राष्ट्रीय सीमाओं को निर्धारित करना था। स्वतंत्रता के समय भारत में 562 छोटी और बड़ी रियासतें थीं। भारत के प्रथम गृहमंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल जी ने इस सन्दर्भ में कठोर नीति का पालन किया। 15 अगस्त 1947 तक [[जम्मू और कश्मीर|जम्मू कश्मीर]], [[जूनागढ़]] व [[हैदराबाद]] जैसे कुछ अपवादों को छोड़कर सभी रियासतों ने विलय पत्र पर हस्ताक्षर कर दिए थे। [[गोवा]] पर [[पुर्तगाल|पुर्तगालियों]] और [[पुदुचेरी (नगर)|पुदुचेरी]] पर [[फ्रांसफ़्रान्स|फ्रांसीसियों]] का अधिकार था।
 
==सम्बन्धित कालक्रम==
* '''१ सितंबर १९३९ - २ सितम्बर १९४५''' - [[द्वितीय विश्वयुद्ध]] चला। युद्ध के पश्चात ब्रितानी सरकार ने [[आज़ाद हिन्द फ़ौज|आजाद हिन्द फौज]] के अधिकारियों पर मुकद्दमा चलाने की घोषणा की, जिसका भारत में बहुत विरोध हुआ।
 
* '''जनवरी १९४६''' - सशस्त्र सेनाओं में छोटे-बड़े अनेकों विद्रोह हुए।
 
* '''१८ फरवरी सन् १९४६''' - [[मुम्बई]] में रायल इण्डियन नेवी के सैनिकों द्वारा पहले एक पूर्ण हड़ताल की गयी और उसके बाद खुला विद्रोह भी हुआ। इसे ही [[जलसेना विद्रोह (मुम्बई)|नौसेना विद्रोह]] या 'मुम्बई विद्रोह' (बॉम्बे म्युटिनी) के नाम से जाना जाता है।
 
* ''' फरवरी 1946''' - ब्रितानी प्रधानमंत्री एटली ने भारत में एक तीन सदस्यीय [[कैबिनेट मिशन|उच्चस्तरीय शिष्टमंडल]] भेजने की घोषणा की। इस मिशन को विशिष्ट अधिकार दिये गये थे तथा इसका कार्य भारत को शांतिपूर्ण सत्ता हस्तांतरण के लिये, उपायों एवं संभावनाओं को तलाशना था।