"औद्योगीकरण": अवतरणों में अंतर

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[[चित्र:Zeche Mittelfeld Ilmenau.jpg|thumb|200px|सन् १८६० के आस-पास जर्मनी के एक औद्योगिक कारखाने का दृष्य]]
 
'''औद्योगीकरण''' एक सामाजिक तथा आर्थिक प्रक्रिया का नाम है। इसमें मानव-समूह की सामाजिक-आर्थिक स्थिति बदल जाती है जिसमें [[उद्योग]]-धन्धों का बोलबाला होता है। वस्तुत: यह [[आधुनिकता के सिद्धान्त|आधुनीकीकरण]] का एक अंग है। बड़े-पैमाने की उर्जा-खपत, बड़े पैमाने पर उत्पादन, धातुकर्म की अधिकता आदि औद्योगीकरण के लक्षण हैं। एक प्रकार से यह [[निर्माण]] कार्यों को बढ़ावा देने के हिसाब से अर्थप्रणाली का बड़े पैमाने पर संगठन है।
 
औद्योगीकरण [https://www.kailasheducation.com/2019/09/audyogikaran-ka-arth-samajik-or-arthik-prabhav.html] तथा नगरीकरण एक ही सिक्के के दो पहलू हैं। ये दोनों ही एक दूसरे सें सम्बन्धित प्रक्रियाएं करते हैं। जहां नगरों के विकास में औद्योगीकरण एक महत्वपूर्ण साधन हैं वहीं नगरों में औद्योगीकरण के प्रसार हेतु अनुकूल परिस्थियां पायी जाती है।
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* [[विऔद्योगीकरण]]
* [[शहरीकरण]] (Urbanization)
* [[श्रम का विभाजन|कार्य का विभाजन]] (Division of labour)
 
== पठनीय सामग्री ==