"ऊष्मागतिकी का तृतीय नियम": अवतरणों में अंतर

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'''ऊष्मागतिकी का तृतीय नियम''' कभी-कभी इस प्रकार से कहा जाता है:
 
: [[परम शून्य]] ताप वाले विशुद्ध क्रिस्टल की [[एन्ट्रॉपी|एण्ट्रॉपी]] शून्य होती है।
 
शून्य केल्विन ताप पर निकाय अपनी न्यूनतम सम्भव ऊर्जा वाली अवस्था में होगा, तथा ऊष्मागतिकी के तृतीय नियम का यह कथन तभी सत्य होगा यदि विशुद्ध क्रिस्टल (perfect crystal) की केवल एक ही न्यूनतम ऊर्जा वाली अवस्था हो। एण्ट्रॉपी का सम्बन्ध सभी सम्भव सूक्ष्म अवस्थाओं की संख्या से है। चूंकि शून्य केल्विन ताप पर केवल एक सूक्ष्म-अवस्था उपलब्ध है, अतः एण्ट्रॉपी अवश्य ही शून्य होगी।