"ज़ंजीर (2013 फ़िल्म)": अवतरणों में अंतर

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| runtime = 137 मिनट
| country = भारत
| language = [[हिन्दी भाषा|हिन्दी]]<br>[[तेलुगू भाषा|तेलुगू]]
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'''''ज़ंजीर''''' (तेलुगू शीर्षक '''''तूफान''''') 2013 की भारतीय एक्शन फ़िल्म है जिसका निर्देशन [[अपूर्व लाखिया]] ने किया है, जिसे एक साथ ही [[बॉलीवुडहिन्दी सिनेमा|हिन्दी]] और [[तेलुगुतेलुगू सिनेमा|तेलुगू]] में जारी किया गया है। फ़िल्म में बॉलीवुड में नवोदित [[तेलुगुतेलुगू सिनेमा|टॉलीवुड]] अभिनेता राम चरण सहित [[प्रियंका चोपड़ा]] मुख्य भूमिका में हैं। [[प्रकाश राज]] ने ''[[वांटेड]]'', ''[[सिंघम]]'' और ''[[दबंग 2]]'' जैसी सफल फ़िल्में देने के बाद इस फ़िल्म में काम किया है।<ref>{{cite web|url=http://articles.timesofindia.indiatimes.com/2012-03-04/news-interviews/31119757_1_deepika-padukone-film-abhishek-bachchan |title=Will it be Ram Charan instead of Abhishek? |trans-title=क्या यह अभिषेक के स्थान पर राम चरण होगा|publisher=टाइम्स ऑफ़ इण्डिया |date=4 मार्च 2012 |accessdate=8 सितम्बर 2013}}</ref> यह 1973 की [[ज़ंजीर (1973 फ़िल्म)|इसी नाम से बनी फ़िल्म]] की पुनः कृत्ति है। फ़िल्म का हिन्दी संस्करण [[चीनी भाषा|चीनी]] में ''चियलो कज्लग'' के रूप में रुपान्तरित किया गया है। फ़िल्म के तेलुगू संस्करण का अनुवाद मलयालम में क्या गया है जिसके जारी करने की तिथि अभी निर्धारित नहीं हुई है। हिन्दी एवं तमिल संस्करणों को 6 सितम्बर 2013 को जारी कर दिया गया।
== कथानक ==
विजय खन्ना (राम चरण तेजा) एक ईमानदार और सिद्धांतवादी पुलिस अफ़सर है। लेकिन कई बार अपनी ईमानदारी की वजह से वो भ्रष्ट तंत्र में मुश्किल में पड़ जाते हैं। उनका कई बार तबादला कर दिया जाता है और एक बार बदली करके उन्हें मुम्बई भेज दिया जाता है जहां एक हत्या की जाँच में लगाया जाता है। इस हत्याकांड की चश्मदीद गवाह माला ([[प्रियंका चोपड़ा]]) हैं। उनकी आंखों के सामने एक व्यक्ति को ज़िन्दा जला दिया जाता है। जांच के दौरान उनकी मुलाक़ात एक ग़ैर-क़ानूनी तरीक़े से काम कर रहे कार डीलर शेर ख़ान ([[संजय दत्त]]) और बिज़नेस मैन की आड़ में रह रहे अपराधी रुद्र प्रताप तेजा ([[प्रकाश राज]]) से होती है। इस बीच विजय, माला को पुलिस की मदद करने के लिए तैयार कर लेते हैं और दोनों एक दूसरे के बेहद क़रीब भी आ जाते हैं। हत्या की जांच से धीरे-धीरे विजय को पता चलता है कि जिस शख़्स की हत्या हुई वो ग़ैर-क़ानूनी तेल माफ़िया का राज़ फ़ाश करना चाहता था और इस वजह से उसकी हत्या कर दी जाती है। इस सारे कांड के पीछे है रुद्र प्रताप तेजा विजय खन्ना के साथ भी बचपन में कुछ ऐसा ही होता है। जब वो आठ साल का होता है तब उसके मां-बाप की हत्या कर दी जाती है। विजय कई सालों बाद तक इस हत्याकांड की ख़ौफ़नाक यादों से उबर नहीं पाता. इस बीच विजय खन्ना की बहादुरी और ईमानदारी से प्रभावित होकर शेर ख़ान अपने बुरे धंधे छोड़ देता है और उनकी मदद करने का फ़ैसला करता है।
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| title1 = मुम्बई के हीरो
| music1 = चिरन्तन भट्ट
| extra1 = [[मीका सिंह|मिका सिंह]], तालिया बेंटसन
| length1 = 4:40
| title2 = पिंकी