"विकिरण": अवतरणों में अंतर

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[[भौतिक शास्त्र|भौतिकी]] में प्रयुक्त '''विकिरण''' ऊर्जा का एक रूप है जो तरंगों या किसी परमाणु या अन्य निकाय द्वारा उत्सर्जित गतिशील [[उपपरमाणुविक]] कणों के रूप में उच्च से निम्न [[ऊर्जा]] अवस्था की ओर चलती है। विकिरण को परमाणु पदार्थ पर उसके प्रभाव के आधार पर या विआयनीकारक के रूप में वर्गीकृत किया जा सकता है। विकिरण जो [[अणु]] या [[परमाणु]] का आयनीकरण करने मे सक्षम होता है उसमे उर्जा का स्तर विआयनीकारक विकिरण से अधिक होता है। रेडियोधर्मी पदार्थ वो भौतिक पदार्थ है जो कि आयनीकारक विकिरण उत्सर्जित करती है। और दृश्य - विकिरण की खोज न्यूटन ने किया
 
[[चित्र:RadiationPenetration2-pn.png|300px|thumb|right| तीन भिन्न प्रकार के विकिरण और उनका भेदन]]
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== विकिरण के प्रकार ==
मुख्यत: विकिरण तीन प्रकार के होते हैं: [[अल्फा]], [[बीटा]] और [[गामा (बहुविकल्पी)|गामा]] विकिरण। ये सभी एक अस्थिर परमाणु के [[परमाणु नाभिक|नाभिक]] से उत्सर्जित होते हैं। स्वतःस्फूर्त होने वाले [[परमाणु विखंडन]], [[पोजीट्रान उत्सर्जन]] और [[न्यूट्रॉन उत्सर्जन]] सामान्यतः कम देखने मे आते हैं। [[इलेक्ट्रॉन ग्रसन]] के परिणाम से स्वतःस्फूर्त क्ष-किरण (एक्स रे) का उत्सर्जन होता है। [[रेडियम]] के कुछ आइसोटोप क्षय विधा मे होते हैं जहाँ वे एक संपूर्ण <sup>12</sup>C<sub>6</sub> नाभिक का उत्सर्जन करते हैं।
 
== खोज ==
[[विल्हेम राँन्टजेन]] को एक्स किरणों की खोज का श्रेय जाता है। [[ट्रिडियम]] के आइसोटोप के साथ विभिन्न प्रयोगों के दौरान, निर्वात मे विद्युत आवेश को मापते हुये उन्होंने फोटोनीय उत्सर्जन मे एक बड़ा परिवर्तन अनुभव किया। जब उन्होंने ट्रिडियम की तस्वीरें ली तब उन्होंने पाया कि एक ठोस टुकड़े की अवस्था बड़ी तेजी से बिगड़ती है। [[हेनरी बेक्युरेल]] ने पाया कि [[यूरेनियम]] लवण के कारण एक बिना खुली फोटो प्लेट धुंधला गयी और मेरी क्युरी ने पाया कि केवल कुछ तत्वों ने इन ऊर्जा किरणों को रोका। उन्होंने इस व्यवहार को [[रेडियोसक्रियता|रेडियोधर्मिता]] कह कर पुकारा।
दिसंबर 1898 में [[मेरी क्युरी]] और [[पियरे क्युरी]] ने पिचब्लेंडी में रेडियम की खोज की। यह नया तत्व था और यूरेनियम की तुलना में दो लाख गुना अधिक रेडियोधर्मी था।