"अब्दुल हमीद द्वितीय": अवतरणों में अंतर

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उनके दौर में उस्मानी साम्राज्य का आधुनिकीकरण हुआ था। रुमेलिया रेलवे और अनातोलिया रेलवे का विस्तार हुआ था और बग़दाद और हिजाज़ रेलवे का निर्माण किया गया था। आबादी पंजीकरण के लिए एक प्रणाली की स्थापना की गई थी और साथ ही साथ 1898 में प्रथम आधुनिक क़ानून विद्यालय की शुरूआत हुई। सबसे महत्वपूर्ण यह था कि बहुत सारे पेशेवर विद्यालय स्थापित हुए - जैसे कि क़ानून विद्यालय, कला विद्यालय, व्यापार विद्यालय, सिविल इंजीनियरिंग विद्यालय, पशुचिकित्सा विद्यालय, खेतीबाड़ी विद्यालय, भाषा विगज्ञान विद्यालय, इत्यादि। इस्तांबुल विश्वविद्यालय अब्दुल हमीद द्वारा 1881 में बंद किये जाने के बावजूद, फिर से 1900 में खोला गया और पूरे साम्राज्य में माध्यमिक, प्राथमिक, और सैन्य पाठशालाओं की स्थापना हुई।<ref name="britannica.com"/> रेलवे और टेलीग्राफ़ प्रणालियाँ आम तौर पर जर्मन कंपनियों द्वारा विकसित हुए थे। उनके दौर में उस्मानी साम्राज्य दिवालिया हो गया और 1881 में उस्मानी लोक ऋण प्रशासन की स्थापना हुई।
 
विदेश में अब्दुल हमीद को "''लाल सुल्तान''" या "''शापित अब्दुल''" के नामों से जाना जाता था क्योंकि उनके दौर में कई मौक़ों पर अल्पसंख्यकों का संहार किया जा रहा था और असंतुष्टि और [[गणराज्यवाद|गणतंत्रवाद]] को ख़ामोश करने के लिए ख़ुफ़िया पुलिस का इस्तेमाल किया जा रहा था।<ref name="NYtimes25April1909">{{cite news | url=https://www.nytimes.com/1909/04/25/archives/sultan-beaten-capital-falls-6000-are-slain-the-macedonian-army.html?sq=abdul+the+damned&scp=9&st=p | title = Sultan beaten, capital falls, 6,000 are slain | date = 25 April 1909 | newspaper = [[दि न्यू यॉर्क टाइम्स|The New York Times]]}}</ref><ref name="Hamamdjian2004">{{cite book|author=Vahan Hamamdjian|title=Vahan's Triumph: Autobiography of an Adolescent Survivor of the Armenian Genocide|url=https://books.google.com/books?id=oV95BIPvGYwC&pg=PR11|year=2004|publisher=iUniverse|isbn=978-0-595-29381-0|page=11}}</ref> 1905 में किसी ने इनकी हत्या करने का प्रयास किया था। इसकी वजह से आहिस्ता-आहिस्ता अब्दुल हमीद की मानसिक सेहत बिगड़ने लगी थी, जब तक आख़िर में वह तख़्त से हटा दिया गया था।<ref name="Panossian2013">{{cite book|author=Razmik Panossian|title=The Armenians: From Kings and Priests to Merchants and Commissars|url=https://books.google.com/books?id=cEL-CuhdWU4C&pg=PA165|date=13 August 2013|publisher=Columbia University Press|isbn=978-0-231-13926-7|page=165}}</ref>जब सुलतान अबदुल हमीद ने ये सुना के फ्रांस के एक थिएटर में हुजूर की शान में गुस्ताखी का ड्रामा पेश किया जाएगा तो....
 
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