"गैंग्स ऑफ वासेपुर – भाग 1": अवतरणों में अंतर

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| image = Gangs_of_Wasseypur_poster.jpg
| director = [[अनुराग कश्यप]]
| producer = {{ubl|अतुल शुक्ला|[[अनुराग कश्यप]]|[[सुनील बोहरा]]|[[वायकॉम 18 मोशन पिक्चर्स|वायाकॉम 18 मोशन पिक्चर्स]]}}
| writer = {{ubl|[[ज़ीशान कादरी]]|अखिलेश|सचिन लाढ़िया|[[अनुराग कश्यप]]|[[अखिलेश जयसवाल]]}}
| narrator = [[पीयूष मिश्रा]]
| story = [[ज़ीशान कादरी]]
| starring = {{ubl|[[मनोज बाजपेयी|मनोज वाजपेयी]]|[[जयदीप अहलावत]]|[[नवाज़ुद्दीन सिद्दीकी]]|[[ऋचा चड्ढा]]|[[पीयूष मिश्रा]]|[[तिग्मांशु धूलिया]]|[[हुमा क़ुरैशी (अभिनेत्री)|हुमा कुरेशी]]|[[पंकज त्रिपाठी]]|[[रीमा सेन]]|[[विनीत कुमार सिंह]]}}
| music = {{ubl|[[स्नेहा खानवलकर]] (साउंडट्रैक)|[[जी वी प्रकाश कुमार]] (स्कोर)}}
| cinematography = [[राजीव रवि]]
| editing = श्वेता वेंकट
| studio = {{ubl|[[अनुराग कश्यप फ़िल्म्स]]|[[जार पिक्चर्स]]}}
| distributor = {{ubl|[[वायकॉम 18 मोशन पिक्चर्स|वायाकॉम 18 मोशन पिक्चर्स]]}}
| released = {{Film date|df=yes|2012|5||[[कान फ़िल्मोत्सव]]|2012|06|22|भारत}}
| runtime = 160 मिनट्स<ref name=Runtime>{{cite web|title=''GANS OF WASSEYPUR – PART 1 (15) |url=http://www.bbfc.co.uk/releases/gangs-wasseypur-2013 |archive-url=https://archive.is/20130419202946/http://www.bbfc.co.uk/releases/gangs-wasseypur-2013 |url-status=dead |archive-date=19 April 2013 |work=British Board of Film Classification |accessdate=9 February 2013 }}</ref>
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}}
 
'''गैंग्स ऑफ वासेपुर – भाग 1''' (या '''Gangs of वासेपुर''') 2012 की एक भारतीय अपराध-गाथा फ़िल्म है, जिसे अनुराग कश्यप द्वारा सह-लिखित, निर्मित और निर्देशित किया गया है। यह [[धनबाद]] ([[झारखण्ड|झारखंड]]) के कोयला माफिया और तीन आपराधिक परिवारों के बीच अंतर्निहित शक्ति-संघर्ष, राजनीति और प्रतिशोध पर केंद्रित फ़िल्म '[[गैंग्स ऑफ वासेपुर]]' शृंखला की पहली फ़िल्म है। फ़िल्म के पहले भाग में [[मनोज बाजपेयी|मनोज वाजपेयी]], [[जयदीप अहलावत]], [[ऋचा चड्ढा]], [[रीमा सेन]], [[तिग्मांशु धूलिया]], [[पंकज त्रिपाठी]], [[पीयूष मिश्रा]] आदि कलाकार प्रमुख भुमिकाओं में है। इस प्रथम भाग की कहानी 1940 के दशक से 1990 के दशक के मध्य तक के कालक्रम में फैली हुई है।
 
फिल्म के दोनों हिस्सों को एक फिल्म के रूप में शूट किया गया था, जो कुल 319 मिनट की थी और इसे 2012 के [[कान फ़िल्मोत्सव]] में प्रदर्शित किया गया था,<ref>{{cite news|title=Gangs of Wasseypur: World premiere at Cannes|url=http://ibnlive.in.com/news/gangs-of-wasseypur-world-premiere-at-cannes/251742-8-66.html|accessdate=24 April 2012|newspaper=IBN Live|date=24 April 2012|agency=IANS}}</ref> लेकिन चूंकि कोई भी भारतीय सिनेमाघर पाँच घंटे की फिल्म को नहीं दिखाना चाहते थे, इसिलिये इसे भारतीय बाजार के लिए दो भागों (160 मिनट और 159 मिनट क्रमशः) में विभाजित किया गया था।
 
पहले भाग को 22 जून 2012 को भारत भर के 1000 से अधिक थिएटर स्क्रीनों में प्रदर्शित किया गया था। इसे [[फ़्रान्स|फ्रांस]] में 25 जुलाई और [[मध्य पूर्व]] में 28 जून को प्रदर्शित किया गया था लेकिन [[कुवैत]] और [[क़तर|कतर]] में इसे प्रतिबंधित कर दिया गया था।<ref>[http://ibnlive.in.com/news/wasseypur-to-be-released-in-middle-east-france/267762-8-66.html 'Gangs of Wasseypur' to be released in Middle East, France]</ref><ref>[http://www.hindustantimes.com/Entertainment/Bollywood/Gangs-of-Wasseypur-banned-in-Qatar-Kuwait/Article1-882632.aspx Gangs of Wasseypur banned in Qatar, Kuwait] {{webarchive|url=https://web.archive.org/web/20120703154234/http://www.hindustantimes.com/Entertainment/Bollywood/Gangs-of-Wasseypur-banned-in-Qatar-Kuwait/Article1-882632.aspx |date=3 July 2012 }}</ref> जनवरी 2013 में [[सनडांस फ़िल्म समारोह]] में ''गैंग्स ऑफ वासेपुर'' फ़िल्म दिखायी गयी थी।<ref>{{cite news| url=http://articles.timesofindia.indiatimes.com/2012-12-07/cinema/35669646_1_huma-qureshi-wasseypur-sundance-film-fest | work=The Times Of India | title=Huma Qureshi to attend Sundance film fest | date=7 December 2012}}</ref><ref>[http://ibnlive.in.com/news/gangs-of-wasseypur-to-be-screened-at-the-sundance-film-festival/308190-8-66.html 'गैंग्स ऑफ वासेपुर' को सनडांस फिल्म फेस्टिवल में प्रदर्शित किया जाएगा- बॉलीवुड- आईबीएनएलई(अंग्रेजी में)]</ref> गैंग्स ऑफ वासेपुर ने 55वें [[एशिया-प्रशांत फिल्म महोत्सव]] में सर्वश्रेष्ठ फिल्म और सर्वश्रेष्ठ निर्देशक सहित चार नामांकन प्राप्त किये थे।<ref>[http://www.dnaindia.com/entertainment/report_gangs-of-wasseypur-bags-4-nominations-at-asia-pacific-film-festival_1772438 Gangs of Wasseypur bags 4 nominations at Asia-Pacific Film Festival – Entertainment – DNA<!-- Bot generated title -->]</ref>
 
==कलाकार==
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* सत्य आनंद - जेपी सिंह के रूप में
* [[नवाज़ुद्दीन सिद्दीकी]] - फैजल खान के रूप में
* [[हुमा क़ुरैशी (अभिनेत्री)|हुमा कुरेशी]] - मोहसिना हामिद के रूप में
* [[जयदीप अहलावत]] - शाहिद खान के रूप में
* [[रीमा सेन]] - दुर्गा के रूप में
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शाहिद खान ([[जयदीप अहलावत]]), एक [[पठान]] , फ़र्ज़ी सुल्ताना डाकू के रूप में (जो कि एक कुरैशी था) रहस्यमयता का लाभ उठाते हुए, ब्रिटिश फ़ेरी गाड़ियों को लूटता है और सुल्ताना डाकू के रूप में अपना परिचय देता है। कुरैशी कुलों ने आखिरकार शाहिद खान और उसके परिवार को वासेपुर से निकाल दिया। वे धनबाद में बस गए जहाँ शाहिद एक कोयला खदान में मजदूर के रूप में काम करना शुरू करते हैं। वह बच्चे के जन्म के दौरान अपनी पत्नी के पास समय पर नहीं जा पाता है और वह मर जाती है। क्रोधित शाहिद ने कोयले की खान के उस पहलवान को मार डाला, जिसने उस दिन उसे छोड़ने से इनकार कर दिया था। 1947 में स्वतंत्र भारत अपने ऊपर अधिकार जताना शुरू कर देता है। ब्रिटिश कोयला खदानें भारतीय उद्योगपतियों को बेची जाती हैं। रामाधीर सिंह ([[तिग्मांशु धूलिया]]) धनबाद क्षेत्र में कुछ कोयला खदानें प्राप्त करता है। वह कोयला खानों में से एक के नये पहलवान के रूप में शाहिद खान को काम पर रखता है। शाहिद स्थानीय लोगों को अपनी भूमि को छोड़ने और रामाधीर सिंह का आदेश पालन करने के लिए आतंकित करता है।
एक बरसात के दिन रामाधीर सिंह ने शाहिद के कोयला खदानों को अपने कब्जे में लेने की महत्वाकांक्षाओं पर पानी फेर दिया। सिंह शाहिद को व्यापार के लिए वाराणसी भेजता है और वहाँ यादव जी ([[हरीश खन्ना]]) नामक एक हत्यारे से उसकी हत्या करवा देता है। नासिर ([[पीयूष मिश्रा]]), शाहिद के चचेरे भाई, रामाधीर की छतरी को दरवाजे के पास अपने भतीजे (शाहिद के बेटे) के हाथ में पाता है और निष्कर्ष निकालता है कि रामाधीर ने उनकी बातचीत सुन ली है। वह शाहिद के बेटे सरदार खान के साथ चतुराई से घर से भाग जाता है। इधर रामाधीर सिंह अपने एक आदमी एहसान कुरैशी ([[विपिन शर्मा]]) को उन्हें मारने के लिए भेजता है लेकिन तब तक वे भाग चुके होते हैं और असफल एहसान रामाधीर सिंह से झूठ बोलता है कि शाहिद के परिवार की हत्या कर दी गयी है और दफन कर दिया गया है। नासिर की देखभाल में सरदार खान नासिर के भतीजे असगर ([[जमील ख़ान|जमील खान]]) के साथ बढ़ता है। सरदार को अपने पिता की मौत के बारे में सच्चाई पता है और इसलिए वह अपना सिर मुंडवाता है और तब तक अपने बाल नहीं बढ़ाने की कसम खाता है जब तक कि वह अपने पिता की हत्या का बदला नहीं ले लेता।
 
=== प्रारंभिक और मध्य 1970 के दशक में ===
 
कोयला खदानों का राष्ट्रीयकरण किया जाता है। अब परिपक्व सरदार खान ([[मनोज बाजपेयी|मनोज वाजपेयी]]) और उसके साथी असगर रामाधीर सिंह के कोयला ट्रकों को पार करने के लिए अवैध उगाही शुरू कर देते हैं। रामधीर सिंह को संदेह है कि एसपी सिन्हा, जो कि कोल इंडिया के अधिकारी थे, इसके पीछे थे और उसकी हत्या करवा देता है। सिन्हा की हत्या के बाद आतंककारी के रूप में रामाधीर की पहचान बढ़ती है और धनबाद में लोग उससे भयभीत हो जाते हैं जो कि अवैध धंधों के लिए उस युग में जरूरी माना जाता था। इधर सरदार खान ने नगमा खातून ([[ऋचा चड्ढा]]) से शादी की। गर्भवती खातून एक ग्रामीण वेश्यालय के अंदर सरदार खान और एक वेश्या को पकड़ लेती है और बहुत क्रोधित होती है। बाद में नगमा दानिश खान को जन्म देती है, लेकिन इसके तुरंत बाद फिर गर्भवती हो जाती है। गर्भवती नगमा के साथ यौन-संबंध बनाने में असमर्थ सरदार अपनी यौन कुंठाओं को स्वीकार करता है। रात के खाने के समय नगमा अन्य महिलाओं के साथ सोने के लिए सरदार को अपनी सहमति देती है लेकिन इस शर्त के साथ कि वह उन्हें घर नहीं लाएगा और परिवार का नाम बदनाम नहीं करेगा।
 
सरदार खान, असगर और नासिर रामाधीर सिंह के बेटे जेपी सिंह (सत्य आनंद) के लिए काम करना शुरू करते हैं। वे काले बाजार में कंपनी के पेट्रोल को चुपके से बेचकर अपने रोजगार का दुरुपयोग करते हैं। बाद में वे सिंह परिवार से संबंधित एक पेट्रोल पंप और एक ट्रेन की बोगी को लूटते हैं। वे सिंह की जमीन पर कब्जा करते हैं। अब उन दोनों गुटों को बातचीत के लिए एक-दूसरे का सामना करने के लिए मजबूर करता है। यह बैठक हाथापाई में समाप्त होती है, लेकिन रामाधीर सिंह को पता चलता है कि सरदार खान वास्तव में शाहिद खान का बेटा है जिसकी उसने 1940 के दशक के अंत में हत्या करवा दी थी। सरदार और असगर को मुलाकात के दौरान जेपी सिंह पर हमला करने के लिए जेल में डाल दिया गया।
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=== 1990 के दशक का आरंभ ===
 
सरदार खान वासेपुर में सबसे अधिक भयकारी आदमी बन जाता है और अपने व्यापार को लौह अयस्क चोरी करने के लिए स्थानांतरित करता है। दानिश खान ([[विनीत कुमार सिंह]]) पारिवारिक व्यवसाय से जुड़ता है। सुल्तान कुरैशी के एक असफल हमले में दानिश को मामूली चोट आती है और वही सरदार खान और नगमा के बीच सुलह का कारण बनता है। सरदार खान रामाधीर को ढूँढ़ता है और उसके परिवार को कभी भी कुछ भी होने पर भयानक परिणामों की चेतावनी देता है। इधर अब परिपक्व हो चुका फैज़ल ([[नवाज़ुद्दीन सिद्दीकी]]) बॉलीवुड फिल्मों से गंभीर रूप से प्रभावित होता है और वह बॉलीवुड के पात्रों के साथ काल्पनिक व्यवहार, बातचीत और ड्रेसिंग शुरू कर देता है। सरदार बंदूक खरीदने के लिए फैजल को [[वाराणसी]] भेजता है, लेकिन वापसी में फैजल को पुलिस ने पकड़ लिया और जेल में डाल दिया। रिहा होने पर वह बंदूक विक्रेता यादव जी को मार डालता है, जो फैजल से अनभिज्ञ था। वह नामचीन हत्यारा था जिसने शाहिद खान (फैजल के दादा) को मार दिया था और जिसने फैजल को पहले पुलिस से फँसाया था। इस बीच, सरदार एक स्थानीय मंदिर से संबंधित एक झील को जब्त कर लेता है और मछली विक्रेताओं से कमीशन लेता है जो उस झील में पकड़ बनाते हैं। दानिश खान बहुत प्रयत्न और चतुराई से सुल्तान कुरैशी की बहन शमा परवीन से शादी करते हैं और इस तरह कुरैशी और खान परिवारों के बीच एक असहज शांति स्थापित होती है। उसी समय, फैजल ने मोहसिना हामिद ([[हुमा क़ुरैशी (अभिनेत्री)|हुमा कुरेशी]]) से रोमांस करना शुरू कर दिया, जो कि सुल्तान के ही कबीले की थी।
 
=== सरदार की मृत्यु ===
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| Released = {{Start date|df=yes|2012|05|23}}
| Recorded =
| Genre = [[फिल्म साउंडट्रैकध्वनि-पट्टी|फ़ीचर फिल्म साउंडट्रैक]]
| Length = 56:12
| Label = टी-सीरीज़
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गैंग्स ऑफ वासेपुर – भाग 1 ने पहले चार दिनों में 12.25 करोड़ का व्यवसाय हुआ। फ़िल्म ने अपने पहले सप्ताहांत में लगभग 10 करोड़ का शुद्ध मुनाफा एकत्र कर लिया था। संग्रह सभी जगह सामान था।<ref>{{cite web|url=http://boxofficeindia.com/boxnewsdetail.php?page=shownews&articleid=4601&nCat=|title=Gangs of Wasseypur Weekend Territorial Breakdown|date=25 June 2012}}</ref> फिल्म के दोनों भागों के निर्माण में 18.5 करोड़ की उत्पादन लागत आई थी और पहले भाग के पहले सप्ताह के 17.5 करोड़ के संग्रह साथ, फिल्म ने कुल उत्पादन लागत सफलतापूर्वक पुनर्प्राप्त कर ली थी। ''गैंग्स ऑफ वासेपुर'' दूसरें सप्ताह में कुल 7 करोड़ का व्यवसाय हुआ था। ''गैंग्स ऑफ वासेपुर - भाग 1'' ने 27 जुलाई 2012 तक भारत में 27.52 करोड़ अर्जित कर लिया था। और फिल्म को अंततः सफल घोषित किया गया।<ref name="boxofficeindia.com"/>
 
फिल्म के लिए सफलता पार्टी गुरुवार, 5 जुलाई, देर शाम को [[बांद्रा]], [[मुम्बई|मुंबई]] में एस्कोबार में आयोजित की गई थी।<ref>{{cite web|url=http://photos.businessofcinema.com/photos/index.php?album=gangs-of-wasseypur-success-party&image=gow-16-.jpg#.T_gOE7VHeDk|title=Gangs of Wasseypur&nbsp;- Success Party!|date=6 July 2012}}</ref>
 
== समीक्षा ==